दिल्ली HC की केंद्र को फटकार, कहा- उद्योग ऑक्सीजन का इंतजार कर सकते हैं, मरीज नहीं
क्या है खबर?
दिल्ली इन दिनों कोरोना संक्रमण की चौथी लहर का सामना कर रही है और यहां कई अस्पतालों से मेडिकल ऑक्सीजन और दवाओं की कमी की खबरें सामने आ रही हैं।
इसी बीच मंगलवार को ऑक्सीजन की कमी और इसके वितरण में दिल्ली के साथ भेदभाव के आरोपों पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि उद्योग ऑक्सीजन के लिए इंतजार कर सकते हैं, लेकिन मरीज नहीं।
टिप्पणी
इंसानी जान ज्यादा कीमती- कोर्ट
NDTV के अनुसार, कोर्ट ने कोरोना मरीजों के लिए इलाज के लिए पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार को उद्योगों को भेजी जाने वाली ऑक्सीजन कम करने को कहा है।
कोर्ट ने टिप्पणी की, "आर्थिक पक्ष इंसानी जान से ज्यादा कीमती नहीं हो सकता। अगर ऐसा होता है तो हम बर्बादी की तरफ बढ़ रहे हैं।"
बता दें, कोर्ट 19 अप्रैल को कोरोना महामारी के संबंध में दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
कोरोना संकट
जल्दी कदम उठाने की जरूरत- कोर्ट
मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की बेंच ने कहा, "130 करोड़ में से दो करोड़ से भी कम मामले हैं। अगर ये पांच गुना भी होते हैं तो 10 करोड़ मामले हैं। हमें बाकी लोगों को बचाना होगा। इस दर पर हम एक करोड़ लोगों को गंवा सकते हैं। हमें जल्दी कदम उठाने होंगे।"
कोर्ट ने कहा, "हम सरकार चलाने नहीं बैठे हैं, लेकिन आपको स्थिति के प्रति संवेदनशील होना होगा।"
कोरोना संकट
कोर्ट ने कहा- उद्योग ऑक्सीजन का इंतजार कर सकते हैं, मरीज नहीं
हाई कोर्ट ने कहा कि उद्योग ऑक्सीजन के लिए इंतजार कर सकते हैं, लेकिन मरीज नहीं। इंसानों की जान दांव पर लगी हुई है।
बेंच ने कहा कि उसने सुना है कि गंगा राम अस्पताल के डॉक्टरों को मजबूरी में कोरोना संक्रमितों को दी जाने वाली ऑक्सीजन कम करनी पड़ रही है क्योंकि यहां गैस की कमी है।
कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि मरीजों के लिए ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति के लिए क्या-क्या किया जा सकता है।
ऑक्सीजन संकट
ऐसे कौन से उद्योग, जिनकी ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं रोकी जा सकती- कोर्ट
सुनवाई के दौरान केंद्र की तरफ से कहा गया कि 22 अप्रैल से उद्योगों को जाने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति रोक दी जाएगी तो कोर्ट ने पूछा कि इसे आज से क्यों नहीं रोका जा सकता? 22 अप्रैल तक इंतजार क्यों करना? जिंदगियां दांव पर लगी हुई। क्या आप मरीजों को बताएंगे कि उन्हें 22 अप्रैल तक इंतजार करना है?
कोर्ट ने केंद्र से सवाल किया कि ऐसे कौन से उद्योग हैं जिनकी ऑक्सीजन आपूर्ति कम नहीं की जा सकती?
कोरोना वायरस
केंद्र ने दिल्ली सरकार पर साधा निशाना
सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट को बताया कि केवल 3 प्रतिशत मरीजों को ICU बिस्तर की जरूरत पड़ रही है और ऐसे मरीज के लिए 24 लीटर और बिना ICU वाले बिस्तर पर मरीज के लिए 10 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है।
दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए केंद्र ने कहा, "अगर दिल्ली सरकार ऑक्सीजन का प्रबंधन नहीं कर सकती तो उन्हें स्वास्थ्य सेवा केंद्र सरकार के हवाले कर देनी चाहिए। हम इसे संभाल लेंगे।"