कोरोना वायरस: भारत में संक्रमितों की संख्या 2.76 लाख पार, वुहान से आगे निकला मुंबई
भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 9,985 नए मामले सामने आए और 279 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। ये अब तक एक दिन में सामने आए दूसरे सबसे अधिक मामले हैं। इससे पहले कल 9,987 नए मामले सामने आए थे और 331 लोगों की मौत हुई थी। इसी के साथ कुल मामलों की संख्या 2,76,583 हो गई है, वहीं 7,745 मरीजों की मौत हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या 1,33,632 है।
ठीक होने वाले मरीजों की संख्या सक्रिय मामलों से अधिक
इस बीच ठीक होने वाले मरीजों की संख्या सक्रिय मामलों से अधिक हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के 5,991 मरीज ठीक हुए और अब तक कुल 1,35,206 मरीज ठीक हो चुके हैं, जो कुल मामलों के 48.88 प्रतिशत हैं।
महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य
महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है और यहां अब तक 90,787 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है और 3,289 लोगों की मौत हुई है। तमिलनाडु दूसरे सबसे अधिक प्रभावित राज्य है। यहां अब तक 34,914 मामले सामने आए हैं और 307 मरीजों की मौत हुई है। दिल्ली में 905 मौत समेत 31,309 मामले और गुजरात में 1,313 मौत समेत 21,014 मामले सामने आए हैं।
मुंबई में वुहान से ज्यादा मामले
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई ने संक्रमितों की संख्या के मामले में चीन के वुहान को पीछे छोड़ दिया है। जहां वुहान में अभी तक 50,333 मामले सामने आए हैं, वहीं मुंबई में 51,100 मामले सामने आ चुके हैं। वुहान में 3,869 के मुकाबले मुंबई में इसके आधे से भी कम 1,760 लोगों की मौत हुई है। बता दें कि दो दिन पहले ही महाराष्ट्र ने संक्रमितों की संख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ा था।
पिछले 40 दिनों में सामने आए 86 प्रतिशत मामले
'हिंदुस्तान' अखबार के एक विश्लेषण के अनुसार, देश में कोरोना वायरस के 86 प्रतिशत मामले पिछले 40 दिनों में सामने आए हैं, वहीं 84 प्रतिशत मौतें भी इसी दौरान हुई हैं। मई में देशभर में लगभग 1,53,000 मामले सामने आए। वहीं 1 जून से 'अनलॉक 1' शुरू होने के बाद 9 जून तक 76,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। रिसर्च कंपनी 'नोमुरा' के अनुसार, लॉकडाउन खुलने के बाद भारत सबसे अधिक खतरे वाले 15 देशों में शामिल है।
कोरोना संक्रमित बंदरों में फेफड़ों की बीमारी रोकने में कामयाब रही रेमडेसिवीर
इस बीच एक राहत देने वाली खबर भी आई है। मेडिकल पत्रिका 'नेचर' में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, गिलियाड की रेमडेसिवीर दवा कोरोना वायरस से संक्रमित बंदरों में फेफड़ों की बीमारी रोकने में कामयाब रही है। स्टडी में शामिल 12 बंदरों को पहले कोरोना वायरस से संक्रमित किया गया और फिर उनमें से छह को रेमडेसिवीर दी गई। जिन्हें ये दवा दी गई थी, उनमें सांस संबंधी बीमार नहीं हुई और उनके फेफड़ों को नुकसान नहीं पहुंचा।