जुलाई से स्कूल खोलने के फैसले को बताया बुरा, अभी बच्चों को भेजना नहीं चाहते अभिभावक
देश में 1 जून से अनलॉक- 1 लागू हो गया है और जुलाई से स्कूल खोलने पर भी विचार किया जा रहा है, जिसका अभिभावक विरोध कर रहे हैं। ज्यादातर अभिभावक अभी स्कूल खोलने को लेकर पक्ष में नहीं है। उनका कहना है कि उनके जिले में तब तक फिर से स्कूल न खोले जाएं, जब तक वहां और उसके आसपास के क्षेत्रों में 21 दिनों तक कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज का कोई मामला न आए।
76 प्रतिशत अभिभावक कर रहे विरोध
बता दें कि 76 प्रतिशत अभिभावकों का मानना है कि स्कूल दोबारा खोले जाने पर वहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का सही पालन नहीं हो पाएगा। स्कूलों के लिए ऐसा करना बहुत कठिन होगा। लोकलसर्किल्स के सर्वे के मुताबिक, राज्य कैलेंडर के अनुसार स्कूल खोलने के समर्थन में केवल 11 प्रतिशत अभिभावक ही हैं। देश में दिन-प्रतिदिन कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या भारत में बढ़ती जा रही है, जिस कारण अभिभावक अपने बच्चों सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
इतने जिलों में किया गया सर्वे
सर्वे में 224 जिलों से 18,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं आईं थी। इसमें लोगों से पूछा गया था कि ऐसे में स्कूलों को कब खोलना चाहिए। इसका जबाब देते हुए 23 प्रतिशित लोगों ने कहा कि संबंधित क्षेत्र में 21 दिनों तक कोई नया कोरोना संक्रमित मरीज का मामला न आने पर ही स्कूल खुलें। वहीं 16 प्रतिशत लोगों का कहना है कि पूरे राज्य में 21 दिनों तक कोई नया मामला न आने पर स्कूल खोले जाएं।
कुछ लोगों का मानना है ये
इसके साथ ही 20 प्रतिशित लोगों ने कहा कि पूरे देश में तीन सप्ताह तक कोई नया मामला न आने पर ही स्कूल खुलें। वहीं 13 प्रतिशित लोगों का मानना है कि वैक्सीन बनने के बाद ही स्कूल फिर से खोले जाएं।
क्या हो सकता है सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
इतना ही नहीं इस सर्वे में अभिभावकों से यह भी पूछा गया कि स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सकेगा या नहीं। तो इसके बारे में 38% अभिभावकों ने कहा ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो पाएगा। वहीं 38 प्रतिशित अभिभावकों का कहना है कि ऐसा करना बहुत कठिन होगा। 10% ने कहा कि थोड़ा कठिन होगा, लेकिन किया जा सकता है। दो प्रतिशत अभिभावकों का मानना है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत आसानी से हो सकता है।
दो लाख से अधिक अभिभावकों ने याचिका के जरिए की अपील
इतना ही नहीं स्कूल खोलने को लेकर दो लाख से अधिक अभिभावकों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर कर स्कूलों को फिलहाल न खोलने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि अगर जुलाई में सरकार स्कूल खोलती है तो यह अब तक का सबसे बेकार फैसला होगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना वायरस के कारण मार्च से सभी स्कूल और कॉलेज बंद हैं और ऑफलाइन माध्यम से पढ़ाया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर भी चल रहे कैंपेन
अभिभावकों ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी अलग-अलग कैंपेन शुरू कर दिए हैं। वहीं हरियाणा के गुरूग्राम में पैरंट्स असोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी हिमांशु शर्मा का कहना है कि अगर सरकार स्कूल खोलने पर विचार कर रही है तो बच्चों पर कोरोना वायरस का टेस्ट भी करा ले। बता दें कि हरियाणा सरकार 1 जुलाई से स्कूल खोलने की तैयारी कर रही है। अगर ऐसा होता है तो हरियाणा अनलॉक-1 में सबसे पहले स्कूल खोलने वाला राज्य बन जाएगा।