भारत और चीन ने लद्दाख में सेनाएं पीछे हटाना शुरू किया- रिपोर्ट्स
भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख के कुछ हिस्सों से अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाना शुरू कर दिया है। आज होने जा रही सैन्य स्तर की बातचीत के अगले चरण से पहले दोनों देशों की तरफ से ऐसा किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पेंगोग झील के फिंगर इलाके के अलावा अन्य सभी जगहों से चीनी सैनिकों ने दो-तीन किलोमीटर पीछे हटना शुरू कर दिया है। इसके जबाव में भारत ने भी अपने कुछ सैनिकों को वापस बुलाया है।
चार जगह पर आमने-सामने हैं चीन और भारत की सेनाएं
भारत-चीन के बीच सीमा के तौर पर काम करने वाली 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गालवन घाटी समेत चार जगहों पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं। विवाद का मुख्य कारण गालवन घाटी में भारत के सड़क निर्माण को लेकर है। भारत दौलत बेग ओल्डी स्थित भारत के एक महत्वपूर्ण सैन्य हवाई अड्डे तक सड़क बना रहा है और चीन इसमें व्यवधान पैदा कर रहा है। लद्दाख में LAC की स्थिति को लेकर भी तनाव है।
5 मई को हुई थी सीमा पर तनाव की शुरूआत
भारत-चीन के मौजूदा तनाव की शुरूआत 5 मई को लद्दाख की पेंगोग झील के पास हुई थी। चीनी सैनिकों के भारतीय सैनिकों को गश्त करने से रोका था। दोनों तरफ के सैनिकों के बीच हुई झड़प में लगभग 100 सैनिक घायल हुए थे। इसके बाद 9 मई को उत्तर सिक्किम के नाकू ला सेक्टर में भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई। इसमें दोनों तरफ के लगभग एक दर्जन सैनिक घायल हुए थे।
चीन ने शुरू कर दिया था हथियार और सैनिक इकट्ठा करना
रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन ने लद्दाख में सीमा के पास स्थिति अपने अड्डों पर हथियार इकट्ठा करना शुरू कर दिया था और सीमा के पास बड़ी संख्या में सैनिक जमा कर लिए थे। चीनी सैनिकों के दोनों देशों के बीच स्थित विवादित इलाके में आकर बंकर बनाने की खबरें भी आई थीं। चीन ने भारत के सड़क निर्माण को अवैध बताया है, वहीं भारत का कहना है कि वह अपने इलाके में ही सड़क बना रहा है।
विवाद के निपटारे के लिए दोनों देशों की सेनाओं में चल रही बातचीत
विवाद के शांतपूर्ण निपटारे के लिए 6 जून को दोनों देशों की सेनाओं में कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी। इस बैठक में पेंगोंग झील और गलवान घाटी समेत उन चार जगहों की पहचान की गई थी जहां सबसे अधिक गतिरोध है। दोनों देशों के बीच आज फिर से भारत के चुशूल में कोर कमांडर लेवल स्तर की बातचीत होनी है। इसके अलावा अलगे 8-10 दिनों में अलग-अलग जगहों पर स्थानीय कमांडर से लेकर प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत होगी।
राजनाथ सिंह बोले- जल्द से जल्द सीमा विवाद का निपटारा चाहता है भारत
इस बीच सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच हुई बैठक को सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा कि भारत चीन के साथ दशकों पुराने सीमा विवाद का निपटारा जल्द से जल्द चाहता है।