हरियाणा: 500 रोडवेज बसों में चलेगी मोबाइल डिस्पेंसरी, गांव-गांव जाकर होगा सामान्य मरीजों का इलाज
क्या है खबर?
देश में लगातार कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में संक्रमितों और संदिग्धों के इलाज और लोगों को आइसोलेट करने के लिए तमाम अस्पताल, होटल और धर्मशालाओं का उपयोग किया जा रहा है।
ऐसे में अस्पातालों में सामान्य मरीजों के इलाज नहीं होने से उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है।
इसी बीच हरियाणा सरकार ने सामान्य मरीजों के इलाज के लिए रोडवेज की 500 बसों में मोबाइल डिस्पेंसरी संचालित करने का निर्णय किया है।
बयान
एक दिन में कवर किए जाएंगे कई गांव- स्वास्थ्य मंत्री
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की परेशानियों को देखते हुए प्रदेश में 500 मोबाइल डिस्पेंसरी चालू करने का निर्णय किया गया है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों को मोबाइल डिस्पेंसरी का रूट प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि यह डिस्पेंसरी हर गांव में पहुंचेगी और मरीजों का इलाज करेंगी। एक दिन में कई गांव कवर किए जाएंगे। डिस्पेंसरियों का संचालन निर्धारित टाइम टेबल के अनुसार किया जाएगा।
मिनी बस
मोबाइल डिस्पेंसरी में शामिल होंगी 150 मिनी बसें
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा आदेश देने के बाद हरियाणा रोडवेज और चिकित्सा विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
चिकित्सा विभाग की ओर से उपचार के लिए 211 टीमों का गठन किया गया है। इसी तरह रोडवेज ने भी बसों की व्यवस्था शुरू कर दी है।
500 बसों में 150 मिनी बसों को भी शामिल किया जाएगा। बसों का शेड्यूल तैयार किया जा रहा है। जल्द ही इनका संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
जानकारी
टीमों में इनकों किया गया है शामिल
गठित टीमों में मेडिकल ऑफिसर, डेंटल सर्जन, आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, MPHW, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, IMA, नीमा, NGO या कोई और संगठन, मेडिकल छात्र और नर्सिंग कॉलेज आदि को भी शामिल किया गया है।
निर्णय
सरकार ने इसलिए उठाया रोडवेज बसों के उपयोग का निर्णय
वर्तमान में पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है और परिवहन सुविधाएं बंद है। हरियाणा रोडवेज की बसें डिपो में खड़ी है।
ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के सामान्य मरीजों की समस्याओं को देखते हुए सरकार ने रोडवेज बसों में ही मोबाइल डिस्पेंसरी संचालित करने का निर्णय किया है।
गांवों का शेड्यूल तैयार होने के बाद विभाग की ओर से ग्रामीणों को मोबाइल डिस्पेंसरी के पहुंचने की जानकारी पहले से ही दे दी जाएगी। इससे वह उसका लाभ उठा सकेंगें।
जानकारी
सप्ताह में कम से कम एक बार गांव में पहुंचेगी डिस्पेंसरी
सरकार के आदेश के अनुसार मोबाइल डिस्पेंसरी प्रत्येक गांव में सप्ताह में कम से कम एक चक्कर लगाएगी। इसके बाद यदि समय बचता है तो वह फिर से दूसरा चक्कर लगाएगी। डिस्पेंसरी प्रत्येक गांव में कम से कम दो घंटे रुककर मरीजों का इलाज करेगी।
सुविधा
मोबाइल डिस्पेंसरी में ग्रामीणों को मिलेगी यह सुविधा
गांवों में पहुंचने वाली मोबाइल डिस्पेंसरी का स्टाफ लोगों की स्वास्थ्य जांच करने के बाद उन्हें आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराएगा।
इसमें मौके पर ही कई प्रकार की जांच भी की जा सकेगी। इनमें क्रोनिक और सामान्य बीमारी के मरीज शामिल होंगे।
इसी तरह टीमें कोरोना वायरस मरीजों का पता लगाने के लिए स्कि्रनिंग भी करेगी। टीमें जांच का रिकॉर्ड प्रतिदिन मुख्यालय भेजेगी। इसी प्रकार टीम के सदस्य सभी तरह की सुरक्षा का ध्यान रखेंगे।
शेड्यूल
मोबाइल डिस्पेंसरी का शेड्यूल बनाने पर किया जा रहा है मंथन
सरकार की ओर से सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को परिवहन अधिकारियों के साथ गांवों का शेड्यूल बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
इसमें कहा गया है कि मोबाइल डिस्पेंसरी छोटे से छोटे गांव में भी पहुंचे। अधिकारी इस पर मंथन कर रहे हैं।
जिलेवार डिस्पेंसरियों का निर्धारण शेड्यूल बनने के बाद किया जाएगा। डिस्पेंसरियों पर तैनात होने वाले कर्मचारियों को कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टैसिंग सहित सभी अन्य उपाय करने के निर्देश दिए जाएंगे।