नौ लाख रुपये में तैयार होता था 'रामायण' का एक एपिसोड, इतनी होती थी कमाई
रामानंद सागर द्वारा 1987 में शुरु किया टीवी सीरियल 'रामायण' उस दौर के लोगों के लिए कुछ ऐसा था जैसे उनके सामने साक्षात भगवान राम को उतार दिया गया हो। लोग इसे देखने के लिए सुबह ही नहा-धोकर टीवी के सामने हाथ जोड़कर बैठ जाया करते थे। इस सीरियल की लागत की बात करें तो इसके एक एपिसोड को ही तैयार करने में करीब नौ लाख रुपये का खर्च आता था। जो उस समय अपने आप में बड़ी बात थी।
एक एपिसोड से मेकर्स कमाते थे 40 लाख रुपये
जहां 'रामायण' के एक एपिसोड को तैयार करने की लागत मोटी रकम थी। वहीं इसके एक एपिसोड से ही मेकर्स को फायदा भी चार गुना होता है। दरअसल, नौ लाख रुपये में तैयार हुए 'रामायण' के एपिसोड से 40 लाख रुपये की कमाई होती थी।
कलाकारों को मिली दर्शकों के बीच एक खास पहचान
यह 80 के दशक का सबसे भव्य शो था। उस समय आजकल की तरह VFX और तकनीकों का इस्तेमाल किए बिना ही सीरियल तैयार होते थे। वहीं इस शो के हर सीन को इतनी खूबसूरती और भव्यता के साथ पेश किया गया कि दर्शक देखते रह गए। इसमें अरुण गोविल को भगवान राम, दिपिका चिखलिया को माता सीता और लक्ष्मण के किरदार में सुनील लहरी नजर आए। इस सीरियल के कलाकार को दर्शकों के बीच एक खास पहचान मिली है।
सबसे ज्यादा देखा जाना वाला शो
'रामायण' ने उस दौर में कई रिकॉर्ड्स कायम किए थे। इसे 55 देशों में टेलीकास्ट किया जाता था। इस शो की व्यूवरशिप उस समय 650 मिलियन थी। जो आज भी एक रिकॉर्ड है। इस सीरियल का नाम उस वक्त 'लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में सबसे ज्यादा देखें जाने वाले धार्मिक सीरीज के तौर पर दर्ज किया गया था। इस सीरियल के कुल 78 एपिसोड्स दिखाई गए हैं और हर एपिसोड करीब 35 मिनट का होता था।
दूसरी बार भी 'रामायण' ने बनाए रिकॉर्ड
लॉकडाउन के दौरान एक बार फिर से दर्शकों की मांग पर दूरदर्शन ने 'रामायण' का टेलीकास्ट किया था। पिछली बार की तरह इस बार भी दर्शकों में इसके लिए वैसा ही पुराना क्रेज देखने को मिला। दूसरी बार के प्रसारण में 'रामायण' ने कई इतिहास रच डाले। प्रसार भारती ने जानकारी दी थी कि इस शो के एक एपिसोड को 7.7 करोड़ लोगों ने देखा। जिसके बाद इसे एक दिन में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला कहा जाने लगा।