#NewsBytesExplainer: पहली बार इस फिल्म में दिखे असली लड़ाकू विमान, भारतीय वायुसेना ने की थी मदद
कंगना रनौत की 27 अक्टूबर को रिलीज होने वाली फिल्म 'तेजस' इन दिनों चर्चा में है, जिसमें अभिनेत्री वायुसेना की पायलट का किरदार निभा रही हैं और हवाई युद्ध पर निकलती हैं। हालांकि, वायुसेना पर आधारित फिल्में बनाने का बॉलीवुड में चलन काफी दशकों पुराना है, जिसकी शुरुआत राज कूपर ने की थी। उन्होंने भारतीय वायुसेना की मदद से पहली बार अपनी फिल्म में असली लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया था। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
'संगम' से राज कूपर ने की थी शुरुआत
राज कपूर ने 1964 में भारतीय वायु सेना की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म 'संगम' बनाई थी। यह 3 लोगों के बीच की प्रेम कहानी थी, जिसमें कपूर ने निर्देशक के साथ ही भारतीय वायुसेना के अधिकारी की भूमिका भी निभाई थी। यह उस दौर की सबसे महंगी भारतीय फिल्मों में से एक थी, जिसमें हवाई युद्ध को दिखाने के लिए असली लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल हुआ था। फिल्म में दिखाए गए हवाई युद्ध को काफी सराहना भी मिली थी।
फिल्म को बनने में लगे थे 16 साल
1940 में कपूर को नरगिस और दिलीप कुमार के साथ 'घरौंदा' नाम से फिल्म बनाने का विचार आया। उन्होंने 1948 में 'आग' के निर्देशन के दौरान इसकी कहानी भी लिखी। हालांकि, काम 1962 में वैजयंती माला के इसका हिस्सा बनने के बाद शुरू हुआ, लेकिन रचनात्मक मतभेदों के कारण दिलीप ने फिल्म छोड़ दी। बाद में देव आनंद और उत्तम कुमार ने भी इनकार कर दिया। 1963 में राजेंद्र कुमार के साथ शूटिंग हुई तो 1964 में 'संगम' रिलीज हुई।
भारतीय वायुसेना के पास मदद को पहुंचे थे निर्देशक
'संगम' में भले ही युद्ध के दृश्य कम थे, पर कपूर इसमें कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थे इसलिए वह सहायता के लिए भारतीय वायुसेना के पास जा पहुंचे। भारतीय वायुसेना ने निर्देशक की बात समझी और उनकी मदद के लिए आगे आई। वायुसेना ने लड़ाकू विमान दिए और इसकी विशेषज्ञता भी बताई। इसके बाद 'संगम' ने लड़ाकू विमान का इस्तेमाल कर इतिहास रच दिया और दुनियाभर में 8 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर कई रिकॉर्ड भी बनाए।
इस तरह होती है शूटिंग
वायुसेना पर आधारित फिल्मों में असली लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल होता है, ताकि फिल्म पर्दे पर शानदार लगे। इसके लिए सबसे पहले सितारों को प्रशिक्षण दिया जाता है और विमान के बारे में जानकारी मुहैया कराई जाती है। कुछ सीन को क्रोमा की मदद से स्टूडियो में फिल्माया जाता है तो कुछ सीन को खुले आसमान के नीचे शूट करने के लिए विशेषज्ञ की मदद ली जाती है। बाद में सारा खेल VFX और एडिटिंग की मदद से होता है।
'संगम' से शुरू हुआ विदेशों में शूटिंग का सिलसिला
कपूर की 'संगम' ही बॉलीवुड की पहली वो फिल्म है, जिसकी शूटिंग विदेश में हुई थी। इस फिल्म को विनेस, पेरिस और स्विटजरलैंड में फिल्माया गया था, जिस पर खूब पैसा भी खर्च हुआ था। इसके बाद ही फिल्मों का विदेश में शूटिंग करने का चलन तेजी से बढ़ता चला गया। यह 'राज कपूर प्रोडक्शन' की भी पहली रंगीन फिल्म है, जिसे कपूर ने महबूब खान की फिल्म 'अंदाज' से प्रेरित होकर बनाने का निर्णय लिया था।
2 मध्यांतर वाली पहली फिल्म भी बनी
कपूर की 'संगम' न सिर्फ लड़ाकू विमान को पर्दे पर दिखाने वाली पहली फिल्म थी बल्कि भारतीय सिनेमा की सबसे लंबी फिल्म भी थी। इसकी अवधि 4 घंटे की थी, जिस वजह से यह 2 बार इंटरवल यानी मध्यांतर होने वाली पहली फिल्म बन गई थी। हालांकि, बाद में इस फिल्म की एटिडिंग को दुरुस्त करके इसे एक इंटरवल का बना दिया गया था। दर्शकों ने फिल्म के दोनों ही वर्जन को काफी पसंद किया था।
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत में पहले फिल्में रील में सिनेमाघरों में चलती थीं। ऐसे में उसे बदलने के लिए समय चाहिए होता था, जिसके वजह से इंटरवल की शुरुआत हुई। अब तकनीक बदलने के बाद भी यही सिलसिला जारी है। हालांकि, हॉलीवुड में इंटरवल जैसा कुछ नहीं होता।
जल्द ये फिल्में देंगी दस्तक
अक्षय कुमार भारत के पहले और सबसे घातक हवाई की अनकही कहानी लेकर आ रहे। उनकी फिल्म 'स्काई फोर्स' अगले साल 2 अक्टूबर को आएगी। इसके अलावा ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण अपनी फिल्म 'फाइटर' लेकर आएंगे, जो भी अगले साल सिनेमाघरों में दस्तक देगी। 15 दिसंबर को सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म 'योद्धा' आ रही है तो इशान खट्टर की ब्रिगेडियर बलराम सिंह मेहता के जीवन पर आधारित फिल्म 'पिप्पा' भी जल्द रिलीज होने की कतार में है।