जन्मदिन विशेष: पढ़िए न्यूजबाइट्स के लेखकों की लता मंगेशकर के गानों से जुड़ी यादें
स्वर कोकिला लता मंगेशकर की 28 सितंबर को 93वीं जयंती है। इसी साल फरवरी में लता ने अंतिम सांस ली थी। कोरोना संबंधित जटिलताओं के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई। अपने लंबे करियर में लता ने इतने यादगार गाने गाए हैं कि हर पीढ़ी की उनके गानों से कई तरह की यादें जुड़ी हैं। इस मौके पर पढ़िए न्यूजबाइट्स हिंदी की टीम की लता के गानों से जुड़ीं कुछ खास यादें।
बचपन में ये गाने सुनकर आंखें नम हो जाती थीं
फिल्म 'रंग दे बसंती' का गाना 'लुका छुपी' और 'ऐ मेरे वतन के लोगों' मेरे पंसदीदा गाने हैं। 'ऐ मेरे वतन' लगभग हर साल स्कूल में गाया है। तब घर के बड़े लोग बताते थे कि लता जी ने जब मंच पर यह गाना गाया था तो नेहरू जी रो पड़े थे। 'रंग दे बसंती' का गाना 'लुका छुपी' जब भी सुनता था, आंखें नम हो जाती थीं, पर किसी को दिखाता नहीं था। - मुकुल तोमर
न्यूजबाइट्स प्लस
1963 में दिल्ली के रामलीला मैदान में एक कार्यक्रम में लता ने जब 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाया था, तो दर्शकों में बैठे जवाहरलाल नेहरू की आंखें भीग गई थीं। इस कार्यक्रम में इंदिरा गांधी और तत्कालीन राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन भी शामिल थे।
लता दी के जितने गाने, उतने किस्से
जब भी लता जी का कोई गाना मेरे फोन में या टीवी पर बजता है, तो मेरी ताई जी सबकुछ छोड़कर एकदम ठहर सी जाती हैं। अकसर वह किस्सा सुनाने लगेंगी कि यह फिल्म उन्होंने देहरादून में नटराज सिनेमाहॉल में देखी थी। हर गाने पर उन्हें कोई न कोई किस्सा याद आ जाता है कि फलानी फिल्म हमने फलाने साल में तुम्हारे ताऊ जी के साथ देखी थी। - अंकित पसबोला
लता जी के गाने किसे नहीं पसंद होते?
लता के गाने पसंद हैं? ये भी कोई पूछने वाली बात है! वैसे तो लता के गाए कई गाने हैं जो मुझे बेहद पसंद हैं। इनमें से मुझे 'उल्फत में जमाने की', 'हजार राहें मुड़ के देखीं' और 'एक प्यार का नगमा है' सबसे ज्यादा पसंद हैं। ये गाने मेरी प्लेलिस्ट में सबसे ऊपर रहते हैं। घर में लता जी के गाने बजते ही रहते थे, धीरे-धीरे ये जिंदगी का हिस्सा हो गए। - भारत शर्मा
"बिजली नहीं आती थी तो रेडियो पर लता जी के गाने सुनते थे"
'ये दिल तुम बिन', 'दुश्मन न करे', 'तेरे बिना जिंदगी से शिकवा', 'कोरा कागज'... मेरे पसंदीदा गानों की फेहरिश्त काफी लंबी है। मेरा बचपन बनारस के एक गांव में बीता है। हमारे गांव में एक हफ्ते दिन में बिजली आती थी और एक हफ्ते रात में। तब समय बिताने के लिए हम लोग हर रोज आकाशवाणी सुना करते थे। रेडियो पर लता जी के गाने खूब बजा करते थे। मुझे तभी से उनके गाने बेहद पसंद हैं।- अविनाश चौबे
लता जी के गाने पर दी थी पहली स्टेज परफॉर्मेंस
मेरे लिए लता जी का सबसे खास गाना है, 'पैरों में बंधन'। मैंने इसी गाने पर पहली बार स्टेज पर परफॉर्म किया था। तब मैं आठ साल की थी। तब से आज तक कई गाने पसंदीदा बनें, लेकिन जब भी यह गाना कहीं सुनाई देता है तो ऑडियंस में बैठे अपने दोस्तों और टीचर्स की तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई दे जाती है और पैर अपने आप उन्हीं स्टेप्स पर थिरकने लगते हैं। - अंजली
सात दशक लंबा था लता मंगेशकर की गायिकी का सफर
लता के करियर की बात करें तो उनकी गायिकी का दुनिया दीवानी रही। अपने सात दशक लंबे करियर में लता ने विभिन्न भाषाओं में 30,000 से ज्यादा गानें गाए हैं। 2001 में उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' दिया गया था। 1989 में लता को 'दादासाहेब फाल्के पुरस्कार' से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शामिल है। वह ना सिर्फ देश, बल्कि विदेशों में भी बेहद लोकप्रिय हैं।