लाल बहादुर शास्त्री के पोते ने 'द ताशकंद फ़ाइल्स' पर फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री को भेजा नोटिस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक 'पीएम नरेंद्र मोदी' के बाद अब विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द ताशकंद फ़ाइल्स' पर शंकट के बादल मंडरा रहे हैं। विवेक ने बुधवार को बताया कि भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते विभाकर शास्त्री ने फिल्म की रिलीज़ के ख़िलाफ़ लीगल नोटिस भेजा है। फिल्म जनवरी, 1966 में हुई शास्त्री जी की मौत के रहस्यों से पर्दा उठाने वाली थी और यह 12 अप्रैल को रिलीज़ होने वाली थी।
कांग्रेस से जुड़े हैं शास्त्री जी के पोते
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शास्त्री जी के पोते कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। इस फिल्म के ख़िलाफ़ कांग्रेस ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और सेंसर बोर्ड को भी ख़त लिखकर शिकायत की है।
शास्त्री जी की रहस्यमयी मौत पर आधारित है फिल्म
लीगल नोटिस से परेशान विवेक ने बताया, "हम चाहते हैं कि इस फिल्म के बाद एक जाँच बिठाई जाए और पूरी दुनिया को ये सच पता चले कि आख़िर शास्त्री जी को क्या हुआ था। उन्हें किसने मारा था और उनकी हत्या का कारण क्या था।" विवेक ने यह भी कहा कि शास्त्री जी ने एक बहुत महत्वपूर्ण ट्रीटी पर साइन किया था और इसके तुरंत बाद उनका निधन हो गया था, ये फिल्म उनकी रहस्यमयी मौत पर आधारित है।
कई इंटर नेशनल एजेंसियों ने उठाए हैं शास्त्री जी की मौत पर सवाल
विवेक ने आगे बताया कि, "मुझे फिल्म की स्क्रीनिंग को रोकने के लिए धमकी भरे कॉल भी आ रहे हैं। हमने इस फिल्म के लिए काफ़ी रिसर्च की है और हमने कई RTI भी फ़ाइल किए हैं। हमने सभी जानकारियों को जुटाने के बाद इस फिल्म को पूरी तरह फ़ैक्ट बेस्ड बनाया है।" उन्होंने आगे कहा, कई इंटरनेशनल एजेंसियों ने शास्त्री जी की मौत पर सवाल उठाए हैं, लेकिन उनसे जुड़े किसी सवाल का जवाब नहीं दिया गया।
इन कलाकारों ने निभाई है फिल्म में मुख्य भूमिकाएँ
फिल्म को बॉलीवुड निर्माता-निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने डायरेक्ट किया है। 'द ताशकंद फ़ाइल्स' की कहानी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की कहानी पर आधारित है। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, पंकज त्रिपाठी, श्वेता बसु प्रसाद जैसे कई कलाकार हैं और इन सभी का लुक काफी शानदार है, जो कि ट्रेलर देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। फिल्म 12 अप्रैल, 2019 को रिलीज़ होने वाली थी।
फिल्म की कहानी है दिलचस्प
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 10 जनवरी, 1966 को उज़्बेकिस्तान के ताशकंद में पाकिस्तान के साथ शांति समझौते पर साइन करने के महज 12 घंटे बाद ही लाल बहादुर शास्त्री का अचानक निधन हो गया था। भारत में आज भी लोग उनके आकस्मिक निधन की घटना को पचा नहीं पाए हैं। फिल्म की कहानी कितने तह तक पहुँच पाने में कामयाब होती है, ये देखना वाकई दिलचस्प होगा।