#NewsBytesExplainer: फिल्मों में कैसे होता है कलाकारों का चयन, किन बातों का रखा जाता है ध्यान?
क्या है खबर?
बॉलीवुड हो या हॉलीवुड, किसी भी फिल्म को बनाने के पीछे सैकड़ों लाेगों की मेहनत होती है। फिल्म बनाने में हर एक विभाग की अहम भूमिका है।
कलाकारों या कहें सिताराें के बिना तो फिल्म संभव ही नहीं हैं और अगर कलाकारों का चयन सूझ-बूझ से किया जाए तो फिल्म के हिट हाेने की गुंजाइश बढ़ जाती है।
क्या आपने कभी सोचा कि किसी भी फिल्म के लिए सितारों का चयन किया कैसे जाता है?
आइए विस्तार से जानते हैं।
पोर्टफोलियो
सबसे पहले तैयार होता है पोर्टफोलियो
पोर्टफोलियो एक तरह का पेशेवर एल्बम होता है। आमतौर पर कलाकार किसी स्टूडियो में जाकर पेशेवर फोटोग्राफर से कुछ खास तस्वीरें खिंचवाते हैं। इसी को पोर्टफोलियो कहते हैं।
इसमें हजारों से लेकर लाखों रुपये तक का खर्च आ सकता है। पोर्टफोलियो में कई गेटअप में तस्वीरें ली जाती हैं, जो फिर अलग-अलग कास्टिंग निर्देशकों व प्रोडक्शन हाउस में भेजी जाती हैं।
तस्वीर अगर किसी निर्देशक या निर्माता को पसंद आ जाती है, तब जाकर ऑडिशन की बात होती है।
मशक्कत
ऑडिशन देने भर से नहीं मिल जाती फिल्म
हर साल लाखों लोग फिल्मी दुनिया में अपनी पहचान बनाने के लिए महानगरी का रुख करते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही बड़े पर्दे पर नजर आते हैं। दरअसल, फिल्मी दुनिया में एंट्री करना आसान नहीं है।
एक कलाकार को ऑडिशन देने से लेकर फिल्म पाने तक के बीच कई मापदंडों पर खरा उतरना पड़ता है।
ऑडिशन देने के बाद कास्टिंग निर्देशक या निर्देशक देखता है कि कलाकार फलानी फिल्म या किरदार के लिए फिट हैं भी या नहीं।
बदलाव
अब बदल गई तकनीक
अब तस्वीरों का जमाना नहीं है। अगर कोई कलाकार किसी कास्टिंग निर्देशक, फिल्म निर्देशक या फिल्म निर्माता की नजर में आना चाहते हैं तो उसके लिए जरूरी है कि वह खुद को तकनीक और चलन के साथ अपडेट रखें।
इन दिनों शो रील या डेमो रील काफी चलन में हैं। यह 3 से 5 मिनट के शॉर्ट वीडियो होते हैं। इनके जरिए किसी भी कलाकार के अभिनय कौशल को फिल्म को ध्यान में रख परखा जाता है।
मदद
कास्टिंग निर्देशक बनाते हैं काम आसान
कास्टिंग निर्देशक होते हैं, जो किसी फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ पात्रों का चयन करते हैं। आजकल बॉलीवुड में आने से पहले कास्टिंग निर्देशक से ईमेल, फोन, सोशल मीडिया आदि पर संपर्क बनाया जाता है, क्योंकि इससे कास्टिंग से जुड़ी जानकारियां मिलती रहती हैं।
हालांकि, इनके बिना भी बॉलीवुड में एंट्री हो सकती है, लेकिन संघर्ष बढ़ जाता है और समय भी ज्यादा लगता है। इंडस्ट्री के कई नए चेहरों के आगमन के पीछे पारखी कास्टिंग निर्देशकाें की भूमिका रही है।
जानकारी
कई कलाकारों की खोज कर चुके हैं मुकेश छाबड़ा
बॉलीवुड में कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा बेहद लोकप्रिय हैं। राजकुमार राव, मृणाल ठाकुर, सुशांत सिंह राजपूत, सान्या मल्होत्रा और फातिमा सना शेख जैसे कई कलाकारों की खोज उन्होंने की है। 'मुकेश छाबड़ा कास्टिंग कंपनी' हीरो-हीरोइन का सपना देखने वाले हर युवा की पहली पसंद है।
तरीका
कास्टिंग का फाॅर्मूला
कास्टिंग के लिए फाॅर्मूला यह है कि कलाकारों का पहले इंट्रो (प्रोफाइल और लुक फोटो) लिया जाता है। उसके बाद उनका ऑडिशन होता है। किरदार में फिट बैठने के बाद कलाकार को फिल्म या टीवी शो के निर्देशक के पास ले जाया जाता है।
अगर कास्टिंग निर्देशक का सुझाया हुआ कलाकार निर्देशक को पसंद नहीं आता तो पहले किए गए ऑडिशन के आधार पर कास्टिंग निर्देशक, निर्देशक को दूसरा कलाकार सुझाता है या फिर नए सिरे से ऑडिशन लेता है।
बातें
निर्देशक के साथ रखना पड़ता है सितारों की पसंद का ख्याल
हर निर्देशक अलग-अलग तरीके से सोचता है। उसके तरीके से सोच कर कलाकार को चुना जाता है।
जैसे कि राजकुमार हिरानी की बात करें, उनकी सोच बहुत अलग होती है। एक कास्टिंग निर्देशक को उनके हिसाब से सोचना पड़ेगा कि उनको किस तरह के लोग पसंद आएंगे।
फिल्म में किस तरह का एक्टिंग स्टाइल होना चाहिए, जैसी तमाम बातों को ध्यान देना पड़ता है। कभी-कभी बड़े सितारों का भी अपना सुझाव होता है, उस पर भी ध्यान देना पड़ता है।
वीडियो
सामने आया था कृति के पहले ऑडिशन का वीडियो
किसी भी किरदार के लिए ऑडिशन देते वक्त अपना नाम, कद, वजह और प्रोफाइल दिखाने के बाद भी एक्टिंग की जाती है।
कुछ समय पहले एक वीडियो सामने आया था, जिसमें कृति सैनन भी कुछ ऐसा ही करती नजर आ रही थीं। यह उनका पहला ऑडिशन था।
शाहिद कपूर के मुताबिक, फिल्म 'इश्क विश्क' मिलने से पहले वह 100 ऑडिशन दे चुके थे। दरअसल, ऑडिशन में चेहरे से परे फिल्म की कहानी और किरदार का भी ध्यान रखा जाता है।