मृणाल को 'पूजा मेरी जान' से अपना हक मिलने की उम्मीद, बोलीं- अब समय आ गया
छोटे पर्दे से बड़े पर्दे तक का सफर तय करने वाली मृणाल ठाकुर ने 'लव सोनिया', 'जर्सी' और 'सीता रामम' जैसी फिल्मों से अपनी एक अलग पहचान बनाई है। अब इन दिनों मृणाल अपनी फिल्म 'हाय नन्ना' को लेकर लगातार चर्चा में बनी हुई हैं, जिसके लिए दर्शकों ने उन्हें बेशुमार प्यार दिया। अब अभिनेत्री ने 'हाय नन्ना' को मिली शानदार प्रतिक्रिया को लेकर बात की। साथ ही कहा कि वह अब बतौर अभिनेत्री अपना हक चाहती हैं।
"यशना ही नहीं, सीता को भी मिल रहा प्यार"
ईटाइम्स से बातचीत में मृणाल कहती हैं कि उन्हें यशना का किरदार निभाकर समझ आया कि जो तुम्हारा है, वो वापस आएगा। इसमें थोड़ा समय लग सकता है, जैसे विराज (नानी) यशना को खो देता है, लेकिन आखिर में दोनों साथ होते हैं। मृणाल ने कहा, "लोग यशना ही नहीं, सीता रामम की सीता को भी पसंद कर रहे हैं और उनके वीडियो बना रहे हैं। जब वे हमारे छोटे-छोटे प्रयासों की सराहना करते हैं तो मुझे अच्छा लगता है।"
कियारा को अपनी बेटी की तरह मानती हैं मृणाल
मृणाल कहती हैं कि उन्हें खुशी है कि लोग उनके किरदार यशना से जुड़ी छोटी से छोटी चीज पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, "यशना को निभाना मेरे लिए मुश्किल था क्योंकि मैं मां नहीं हूं। मैंने जर्सी में मां की भूमिका निभाई है, लेकिन वो ऐसी नहीं थी। मैं फिल्म में मेरी बेटी माही बनी कियारा से कहती हूं कि तुम मेरा पहला बच्चा हो। जब भी मैं मां बनूंगी, मेरा वो बच्चा दूसरा ही होगा।"
बतौर अभिनेत्री अपना हक और पहचान चाहती हैं मृणाल
मृणाल अब हुमा कुरैशी के साथ फिल्म 'पूजा मेरी जान' की जिम्मेदारी संभालेंगी। ऐसे में उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें एक अभिनेत्री के रूप में अपना हक मिलना चाहिए और अकेले पहचान मिलनी चाहिए? उन्होंने कहा, "सच कहूं तो मुझे यही चाहिए। मैं बोलूंगी तो अहंकार लगेगा इसलिए मैं ये दर्शकों पर छोड़ती हूं। मैं आज उनकी वजह से ही यहां हूं। हां, समय आ गया है कि मुझे मेरा हक मिले। उम्मीद है 'पूजा मेरी जान' ऐसा करेगी।"
विजय देवरकोंडा के साथ जमेगी मृणाल की जोड़ी
इस दौरान मृणाल ने विजय देवरकोंडा के साथ अपनी फिल्म 'फैमिली स्टार' को लेकर भी बात की। मृणाल का कहना है कि इस फिल्म में उन्होंने बहुत डांस किया है। यह मनोरंजन के साथ सीख भी देती है। उन्होंने कहा, "आजकल व्यावसायिक फिल्में खूब बन रही हैं, लेकिन उनसे कोई क्या सिखाता है? इस फिल्म का नाम ही सब कहता है।" साथ ही उन्होंने फिल्म के निर्देशक परशुराम की भी तारीफ की, जो इससे पहले 'गीता गोविंदम' बना चुके हैं।