अर्जुन कपूर को हुई ये बीमारी, बोले- कभी खुलकर नहीं बोला, लेकिन थेरेपी तक लेनी पड़ी
अर्जुन कपूर किसी न किसी वजह से अक्सर चर्चा में रहते हैं। अब फिर वह लोगों के बीच सुर्खियों में हैं। पिछले कुछ समय से वह मलाइका अरोड़ा के साथ अपने ब्रेकअप को लेकर मीडिया में छाए रहे। इसके बाद उन्होंने 'सिंघम अगेन' ने अपने विलेन की भूमिका से सुर्खियां बटोरीं। अब अर्जुन अपनी निजी जिंदगी को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने हाल ही में एक बातचीत में अपनी एक बीमारी और अपने कुछ बुरे अनुभवों पर बात की।े
डिप्रेशन से निजात पाने के लिए लिया थेरेपी का सहारा
हॉलीवुड रिपोर्टर से अर्जुन ने ब्रेकअप से लेकर डिप्रेशन, असफलता और अपनी बीमारी पर खुलकर बात की। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने 'सिंघम अगेन' में अपने किरदार पर ध्यान केंद्रित कैसे किया, जबकि वह उस समय डिप्रेशन और ब्रेकअप दोनों से जूझ रहे थे। उन्होंने जवाब में कहा, "मैंने डिप्रेशन को कम करने के लिए थेरेपी का सहारा लिया और तब मुझे मालूम पड़ा कि मैं ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, हाशिमोटो से जूझ रहा हूं।"
थेरेपी से भी नहीं मिला आराम
अर्जुन बोले, "मैंने थेरेपी ली और कुछ थेरेपिस्ट के पास गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। फिर मेरी मुलाकात एक एक ऐसे व्यक्ति से हुई, जिसने मुझे बोलने का मौका दिया और उनसे बताया कि मैं डिप्रेशन में हूं। मुझे पता चला कि मैं हाशिमोटो नाम की एक ऐसी ऑटो इम्युन बीमारी से पीड़ित हूं, जो थायरॉइड को नुकसान पहुंचाती है। मेरी मां अंशुला को भी ये बीमारी थी और मेरी बहन अंशुला भी इसी समस्या से पीड़ित है।"
30 की उम्र में पता चली बीमारी
अर्जुन बोले, "इस बीमारी में ऐसा होता है कि अगर मैं फ्लाइट में सफर कर रहा हूं और मेरे दिमाग को ऐसा महसूस होता है कि मैं किसी खतरे में हूं तो मेरा वजन बढ़ना शुरू हो जाता है। मैं अपनी फिल्मों के दौरान खुद को और अपने शरीर को बदलते हुए देख सकता हूं। मैं 30 साल का था, जब मुझे इस बीमारी का पता चला। मेरी फिल्में नहीं चल रही थीं, मैंने तभी थेरेपी लेना शुरू किया था।"
मां के चले जाने के बाद टूट गए थे अर्जुन
अर्जुन ने बताया कि साल 2012 में मां का देहांत हो गया था और उस समय उनकी बहन अंशुला दिल्ली रहती थीं। इस वजह से अर्जुन मुंबई में काफी अकेले पड़ गए थे। अर्जुन ने 2012 में परिणीति चोपड़ा के साथ फिल्म 'इश्कजादे' से करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने '2 स्टेट्स' और 'गुंडे' जैसी फिल्में कीं, जो हिट रहीं, लेकिन इतनी सफलता के बावजूद जब वह घर लौटते थे तो उन्हें अकेलापन ही महसूस होता था।
हाशिमोटो है क्या?
हाशिमोटो बीमारी थायराइड का एक्सटेंशन है, ये बीमारी थायराइड ग्रंथि को प्रभावित करती है। इसकी वजह से थकान, वजन बढ़ना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो किसी भी उम्र में कोई भी व्यक्ति हाशिमोटो रोग से पीड़ित हो सकता है