UPSC: जंतुविज्ञान है स्कोरिंग वैकल्पिक विषय, ऐसे करें तैयारी
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) में सफल होने के लिए वैकल्पिक विषय की सही तैयारी होना जरूरी है। वैकल्पिक विषय में 250-250 अंक के 2 पेपर होते हैं। ऐसे में वैकल्पिक विषय अन्य विषयों से महत्वपूर्ण हो जाता है। जूलॉजी यानि जंतु विज्ञान मुख्य परीक्षा के वैकल्पिक विषयों में से एक है। इसमें जीव जंतुओं की संरचना, उद्भव और विकास का अध्ययन किया जाता है। आइए इस विषय की तैयारी के टिप्स जानते हैं।
जंतुविज्ञान का पाठ्यक्रम क्या है?
UPSC के लिए जंतुविज्ञान के पाठ्यक्रम को दो अलग-अलग भागों में बांटा गया है। पेपर 1 के पाठ्यक्रम में पारिस्थितिकी, जीव पारिस्थितिकी, आर्थिक प्राणी विज्ञान, जैव सांख्यिकी, उपकरणीय पद्धति, अरज्जुकी और रज्जुकी जैसे खंड पढ़ने होते हैं। इनमें कंकाल, नरतंत्र, एम्फ़ीबिया, प्लेटिहेल्मंथस, प्रोटोजोआ जैसे विषय शामिल है। पेपर 2 के लिए कोशिका जीव विज्ञान, अनुवांशिकी, विकास, वर्गीकरण विज्ञान, जीव रसायन, परिवर्धन जीव विज्ञान, स्तनधारियों से संबंधित कार्यिकी जैसे खंड पढ़ने होंगे। इनमें जीन, कोशिका, उद्भव, हार्मोन वर्गीकरण आदि शामिल हैं।
कौनसी किताबों का इस्तेमाल करें?
परीक्षा की तैयारी के लिए सही किताबों का चुनाव करना बेहद जरूरी है। उम्मीदवार रमेश गुप्ता की आधुनिक जूलॉजी, पीडी शर्मा की पारिस्थितिकी और पर्यावरण, पीके गुप्ता की जेनेटिक्स, गणोंग की मेडिकल फिजियोलॉजी की समीक्षा, गाइटन एवं हॉल टेक्स्ट बुक ऑफ मेडिकल फिजियोलॉजी, सीबी पोवार की सेल बायोलॉजी जैसी किताबों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, ऑनलाइन माध्यमों पर उपलब्ध नोट्स का उपयोग कर सकते हैं। विषय की बुनियादी अवधारणाओं को समझने के लिए NCERT किताबों का इस्तेमाल करें।
पेपर 1 की तैयारी और महत्वपूर्ण टॉपिक
जंतुविज्ञान पेपर 1 में आर्थिक जीव विज्ञान, बायो स्टैटिस्टिक्स और बायो इंस्ट्रूमेंटेशन सबसे अधिक स्कोरिंग खंड है। इनका अच्छी तरह अध्ययन करें। आर्थिक जीव विज्ञान में भारत में विकास पर ध्यान दें। अरज्जुकी और रज्जुकी के सिद्धांतों और अवधारणाओं को अच्छी तरह समझें। प्रजनन तंत्र, पाचन, श्वसन तंत्र, सरीसृप उत्पत्ति, पक्षी उत्पत्ति आदि विषयों पर ध्यान दें। प्राकृतिक संसाधन, जैव विविधता, परभक्षी, पशुओं के रोग और उपचार, जीन चिकित्सा, पशु और कीट पालन के टॉपिकों को गहराई से कवर करें।
पेपर 2 की तैयारी और महत्वपूर्ण टॉपिक
पेपर के लिए जैव रसायन में अणुओं के सरंचनात्मक सूत्र के साथ व्यावहारिक जैव रासायनिक मार्ग महत्वपूर्ण हैं। इसके लिए फ्लो चार्ट बनाकर पढ़ाई करें। फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री को अच्छी तरह तैयार करें। महत्वपूर्ण चित्र बनाना सीखें। विकासात्मक जीव विज्ञान भी जरूरी खंड है। DNA, जीवन उद्भव सिद्धांत, विटामिन, एंजाइम, रक्त समूह, कोशिका विकास, मानव विकासीय जीन, हार्मोन वर्गीकरण, क्लोनिंग, भ्रूंड अंतरण, उत्परिवर्तन तथा उत्परिवर्तजनन संबंधी मुद्दों पर विशेष ध्यान दें। प्रत्येक खंड के महत्वूर्ण तथ्यों के नोट्स जरूर बनाएं।
क्या जीव विज्ञान विषय स्कोरिंग है?
सकारात्मक पक्ष- जीव विज्ञान को अच्छा वैकल्पिक विषय माना जाता है। इसमें सफलता दर अच्छी है। अन्य वैकल्पिक विषयों की तुलना में इसमें प्रतियोगिता कम है। इस विषय में सवाल भी सीधे होते हैं। जिनका जबाव सही तरीके से देकर आप अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। नकारात्मक पक्ष- जीव विज्ञान एक तकनीकी विषय है। इसके पाठ्यक्रम में सामान्य अध्ययन के विषयों से कनेक्टिविटी कम है। इसका पाठ्यक्रम भी बड़ा है, ऐसे में आपको गहराई से पढ़ना होगा।