UPSC प्रारंभिक परीक्षा: अभ्यर्थी ऐसे करें पर्यावरण और जैव विविधता खंड की तैयारी
क्या है खबर?
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) के प्रारंभिक चरण में कई विषयों से संबंधित वस्तुनिष्ठ प्रकार के सवाल पूछे जाते हैं। इन्हीं में से एक विषय है पर्यावरण, पारिस्थितिकी और जैव विविधता।
UPSC की तैयारी कर रहे कई छात्र इस खंड पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, जबकि इस खंड से हर साल प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कई सवाल पूछे जाते हैं।
आइए जानते हैं कि UPSC के लिए इस खंड की तैयारी कैसे करें।
अखबार
अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय मुद्दों को कवर करें
पर्यावरण की तैयारी के लिए अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पहलों और योजनाओं के प्रति जागरूक रहें।
संयुक्त राष्ट्र (UN) की जलवायु परिवर्तन पर रिपोर्ट और फ्रेमवर्क, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और संगठन और रामसर कन्वेंशन आदि के बारे में समझ बढ़ाएं।
राष्ट्रीय सौर मिशन, पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय मिशन और सतत विकास के लिए राष्ट्रीय मिशन आदि को जरूर पढ़ें।
भारत सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण को लेकर उठाए जा रहे महत्वपूर्ण कदमों को अच्छी तरह पढ़ें।
पर्यावरण
प्रमुख पर्यावरण सिद्धांत पढ़ें
UPSC के लिए पर्यावरण और जैव विविधिता की तैयारी के लिए ICSE बोर्ड की 9वीं और 10वीं की किताबें पढ़ें।
NCERT की कक्षा 12 की जीव विज्ञान की किताब पढ़ें। उच्च स्तर के लिए शंकर IAS की किताबें पढ़ सकते हैं।
प्रमुख पर्यावरण सिद्धांतों में खाद्य श्रृंखला, जैव भू-रासायनिक चक्र, जैविक ऑक्सीजन की मांग आदि शामिल हैं।
UPSC में विभिन्न स्त्रोतों और उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषकों और ग्रीनहाउस गैसों से सवाल पूछे जाते हैं। इनका अच्छे से अध्ययन करें।
प्रजातियां
प्रजातियों के बारे में पढें
प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ (IUCN) की ओर से कई प्रजातियों को रेड लिस्ट में शामिल किया गया है।
इन प्रजातियों के बारे में सभी जानकारियां अच्छी तरह से याद करें।
प्रजातियों के बारे में पढ़ने के लिए ऐसी किताब का इस्तेमाल करें, जिसमें प्रजातियों के चित्र भी छपे हों। इससे आपको सारे प्वाइंट्स अच्छे से याद हो जाएंगे।
नई प्रजातियां और विलुप्त हो रही प्रजातियों की जानकारी के लिए अखबार जरूर पढ़ें।
उद्यान
राष्ट्रीय उद्यान, अभ्यारण और प्रमुख संवेदनशील क्षेत्रों के बारे में पढ़ें
IAS की परीक्षा के लिए राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारणों को याद करना जरूरी है। महत्वपूर्ण उद्यानों को मानचित्र पर अंकित करने का प्रयास करें।
मानचित्रों की सहायता से राष्ट्रीय उद्याग और अभ्यारण याद रखने में मदद मिलेगी। किस राज्य में कौन-सा उद्यान या अभ्यारण है, इसे अच्छे से समझ लें।
टाइगर रिजर्व, चीता स्टेट और टाइगर स्टेट के बारे में पढें। हिमालय, पश्चिमी घाट, पठार और मैदान जैसे पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों के बारे में पढ़ें।
महत्वपूर्ण टॉपिक
इन टॉपिकों पर भी ध्यान दें
सतत विकास के प्रमुख नियम, नवीकरणीय ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी, जैव उर्वरक, बायोमास गैसीकरण, जलवायु परिवर्तन, जलवायु परिवर्तन पर शिखर सम्मेलन, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, वन अधिकार अधिनियम, पर्यावरणीय गिरावट, प्रदूषण, अम्लीय वर्षा और ओजोन परत आदि टॉपिकों को अच्छे से पढ़ें।
उम्मीदवार पर्यावरण, पारिस्थितिकी और जैव विविधता के टॉपिकों को भूगोल के साथ जोड़कर पढें।
इससे समझने में आसानी होगी और एक साथ 2 विषयों का पाठ्यक्रम कवर हो जाएगा। सभी टॉपिकों का बार-बार रिवीजन करें।