राधिका गुप्ता: UPSC की तैयारी के लिए नौकरी छोड़ी, सेल्फ स्टडी से हासिल की 18वीं रैंक
क्या है खबर?
"मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौंसलों से उड़ान होती है।"
इस कहावत को चरितार्थ किया है मध्य प्रदेश की राधिका गुप्ता ने, जिन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) में सफलता हासिल की।
राधिका ने बिना कोचिंग किए सेल्फ स्टडी के दम पर परीक्षा उत्तीर्ण करके दिखाई। आज राधिका UPSC की तैयारी कर रहे लाखों उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।
रैंक
राधिका ने UPSC में हासिल की 18वीं रैंक
राधिका गुप्ता मध्य प्रदेश के अलीराजपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गृहनगर से ही हासिल की।
इसके बाद इंदौर के GSITS कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में BTech किया। डिग्री खत्म होने के बाद वे होंडा मोटर्स के साथ काम करने लगीं।
24 सितंबर, 2020 को घोषित हुए UPSC के नतीजों में राधिका गुप्ता ने देशभर में 18वीं रैंक हासिल की।
ये राधिका का दूसरा प्रयास था। पहले प्रयास में वे IRPS सेवा के लिए चयनित हुई थी।
जिला
सबसे कम साक्षरता वाले जिले से आती हैं राधिका
राधिका ऐसे जिले से आती हैं, जहां साक्षरता दर सबसे कम है, लेकिन वे कभी निराश नहीं हुईं और हमेशा सकारात्मक रहीं।
उन्होंने कहा "मेरे जिले ने ही मेरे व्यक्तित्व को बनाने में मदद की है। वो मेरे लिए प्रेरणास्त्रोत है। यहां रहने से मुझे समझ आया कि शिक्षा किसी के भी जीवन में कितनी बड़ी भूमिका निभाती है।"
उन्होंने कहा कि अपनी क्षमताओं पर हमेशा विश्वास रखें, बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करें।
जानकारी
राधिका को शुरुआत से ही कोचिंग कल्चर पसंद नहीं
राधिका JEE की तैयारी के लिए कोटा में कोचिंग करने गई थीं, लेकिन उन्हें शुरुआत से ही कोचिंग कल्चर पसंद नहीं था। जब UPSC की परीक्षा देने की बात आई तो उन्होंने ठान लिया कि बिना कोचिंग के ही परीक्षा की तैयारी करेंगी।
दिल्ली
राधिका ने तैयारी के लिए नौकरी और दिल्ली छोड़ी
इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद राधिका दिल्ली में नौकरी करने लगी। इसी दौरान उन्हें सिविल सेवा परीक्षा के बारे में जानकारी मिली।
दिल्ली में राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर में कोचिंग और प्रतियोगी परीक्षाओं के माहौल को देखते हुए उनकी दिलचस्पी सिविल सेवा में बढ़ने लगी।
उन्होंने पहले नौकरी के साथ UPSC की तैयारी करने के बारे में सोचा, लेकिन बाद में नौकरी छोड़ दी और तैयारी के लिए इंदौर वापस आ गईं।
रुटीन
दिन में 10 घंटे पढ़ाई करती थीं राधिका
राधिका ने परीक्षा की तैयारी के लिए संयमित योजना बना रखी थी। वे हर दिन 9 से 10 घंटे पढ़ाई करती थीं।
पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने हॉबी के लिए भी समय तय किया। वे तैयारी के दौरान प्रतिदिन टेबल टेनिस खेलने के लिए समय निकाल लेती थीं।
उन्होंने खुद को सोशल मीडिया साइट्स से दूर रखा। उन्होंने कहा "अगर हम प्रतिदिन 8-10 घंटे पढ़ाई करें तो ये 14-15 घंटे पढाई के समान ही लाभ देती है।"
जानकारी
राधिका ने पहले ही कर लिया था सिर्फ 2 बार परीक्षा देने का फैसला लिया
राधिका ने तैयारी के दौरान ही तय कर लिया था कि वो केवल 2 बार ही परीक्षा देंगी और अगर परीक्षा में सफल नहीं हुई तो वापस नौकरी करने लगेंगी। इस निर्णय के चलते उन्होंने गंभीरता के साथ परीक्षा दी और दोनों बार उत्तीर्ण हुईं।