फॉरेंसिक साइंस विषय से ऐसे करें UGC NET की तैयारी, जानिए महत्वपूर्ण टॉपिक और उपयोगी किताबें
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) में उपलब्ध कराए गए विषयों में फॉरेंसिंक साइंस भी शामिल है। इस विषय से परीक्षा पास करना कठिन माना जाता है, लेकिन अगर उम्मीदवार सही रणनीति का पालन करें तो सफल होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। फॉरेंसिक साइंस विषय से UGC NET की तैयारी शुरू करने से पहले पाठ्यक्रम और पैटर्न को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए। आइए इस विषय के पाठ्यक्रम और महत्वपूर्ण टॉपिकों के बारे में जानते हैं।
विधि विज्ञान विषय का पाठ्यक्रम क्या है?
खंड 1- फॉरेंसिक साइंस, भौतिक साक्ष्य, आपराधिक अन्वेषण खंड 2- सूक्ष्मदर्शी, एक्स-रे आधारित तकनीकें खंड 3- रक्त धब्बे, DNA, वन्य जीव विधि विज्ञान खंड 4- पेय पदार्थों, शराब, शारीरिक द्रवों, रसायनों का परीक्षण खंड 5- हथियारों के अवशेषों का विश्लेषण खंड 6- आग, आगजनी, विस्फोटक खंड 7- बाल और रेशे, धूल- मिट्टी, कंप्यूटर फॉरेंसिक खंड 8- फिंगरप्रिंट, पथ चिन्ह, आवाज़ परीक्षण खंड 9- दस्तावेज परिभाषा, परीक्षण, हस्त लेखन खंड 10- मृत्यु के प्रकार, चोट, घाव, पोस्टमार्टम परीक्षण
कौनसी किताबें पढ़ें?
उम्मीदवार तैयारी के लिए आर गुप्ता की फॉरेंसिक साइंस, कपिल वर्मा की UGC NET फॉरेंसिक साइंस, निराली की NTA UGC NET फॉरेंसिक साइंस, कैथी मिराकोविट्स की फॉरेंसिक साइंस बेसिक्स, मोहम्मद शाहबाज आलम की फॉरेंसिक विज्ञान उद्देश्य, डॉक्टर निशांत सिंह की फॉरेंसिक साइंस सिद्धांत और अवधारणाएं, डॉक्टर अनु सिंगला की UGC NET/JRF फॉरेंसिक साइंस MCQ किताबों का उपयोग कर सकते हैं। उम्मीदवार 1 टॉपिक को समझने के लिए 2 से 3 किताबों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
किन टॉपिकों पर फोकस करें?
उम्मीदवार आपराधिक जांच की पद्धतियां और अनुप्रयोग, आपराधिक प्रोफाइलिंग, माइक्रोस्कोपी स्पेक्ट्रोफोटोमेट्री, क्रोमैटोग्राफिक तकनीक, खून के धब्बों का पता लगाना और पहचान करना, अलग-अलग प्रकार के जहर, मिटाए गए चिन्हों की पहचान करने की तकनीकों के बारे में गहराई से पढ़ें। इसके अलावा उपकरणों, हथियारों, विस्फोटकों के बारे में अध्ययन करें। अलग-अलग प्रकार के फ्रैक्चर, पहचान की बायोमेट्रिक प्रणालियों के बारे में समझें। क्षतविक्षत दस्तावेज, प्रजातियों का निर्धारण, दांतों के प्रकार, उम्र का निर्धारण आदि विषयों पर फोकस करें।
कब शुरू करें तैयारी?
फॉरेंसिक साइंस विषय काफी कठिन माना जाता है। इसमें कई सारी जानकारियों को याद रखना होता है। ऐसे में उम्मीदवार जल्दी ही तैयारी शुरू कर दें। तैयारी के लिए कम से कम 8 महीने का समय दें। इस विषय के अधिकांश टॉपिक प्रैक्टिकल ज्ञान पर आधारित हैं। अगर आप फॉरेंसिक फील्ड में काम कर रहे हैं तो फायदा होगा। उम्मीदवार प्रत्येक टॉपिक के नोट्स बना लें और ज्यादा से ज्यादा सवालों को हल करें।