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योगी सरकार का फैसला, मदरसों में अब केवल TET पास शिक्षक ही पढ़ा सकेंगे
उत्तर प्रदेश के मदरसों में अब आधुनिक शिक्षा भी दी जाएगी

योगी सरकार का फैसला, मदरसों में अब केवल TET पास शिक्षक ही पढ़ा सकेंगे

लेखन तौसीफ
Jul 19, 2022
08:06 pm

क्या है खबर?

उत्तर प्रदेश के मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार मदरसा सेवा नियमावली में संशोधन करने जा रही है जिसके बाद राज्य के मदरसों में सिर्फ शिक्षक योग्यता परीक्षा (TET) पास शिक्षक ही पढ़ा सकेंगे। इसके साथ ही मदरसों में अब धार्मिक शिक्षा के अलावा अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, हिंदी और समाजशास्त्र की शिक्षा भी दी जाएगी।

योग्यता

अभी कितनी योग्यता वाले शिक्षक मदरसों में पढ़ाते हैं?

अभी उत्तर प्रदेश के मदरसों में मैनेजमेंट की ओर से ग्रेजुएशन और बैचलर ऑफ एजुकेशन (BEd) पास उम्मीदवारों को शिक्षक के पदों पर नियुक्त किया जाता है। सरकार ने मदरसा आधुनिकीकरण के तहत इस व्यवस्था में सुधार लाने की कवायद की है। बता दें कि 24 मार्च को हुई उत्तर प्रदेश मदरसा परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि अब मदरसों में भी मानक के अनुसार शिक्षक रखे जाएं।

शिक्षा

मदरसों में अब सिर्फ 20 प्रतिशत शिक्षा होगी धार्मिक

आज तक के मुताबिक, योगी सरकार ने निर्णय लिया है कि मदरसों में अब सिर्फ 20 प्रतिशत शिक्षा धार्मिक होगी, वहीं 80 प्रतिशत शिक्षा आधुनिक रखी जाएगी। प्रस्ताव के मुताबिक, आलिया स्तर के मदरसों में जहां सिर्फ एक शिक्षक रहेगा, वहीं कक्षा पांच तक के मदरसों में चार शिक्षक रहेंगे। इसके अलावा कक्षा छह से आठ तक में दो और कक्षा नौ से 10 के मदरसों में तीन शिक्षक आधुनिक शिक्षा पढ़ाने के लिए नियुक्त किए जाएंगे।

मुस्लिम

मुस्लिम युवाओं को अंग्रेजी और विज्ञान की शिक्षा मिलना जरूरी- राज्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि मदरसा बोर्ड ने TET अनिवार्यता का प्रस्ताव शासन को भेजा है जिसमें धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ सामान्य विषयों को भी शामिल करने की सिफारिश की गई है। अंसारी ने कहा कि धार्मिक शिक्षा जरूरी है, लेकिन इसके साथ विज्ञान, गणित, अंग्रेजी और कंप्यूटर की शिक्षा भी मुस्लिम युवाओं को मिलनी चाहिए जिससे वो बेहतर शिक्षा पाकर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं को पास कर नौकरी पा सकें।

प्रतिक्रिया

मुस्लिम धर्मगुरू और सपा ने किया फैसले का विरोध

इस मामले पर शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास नेएबीपी न्यूज से कहा कि सरकार को इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करना चाहिए और सरकार अगर आधुनिक शिक्षा देना चाहती है तो अलग से स्कूल खोल ले, लेकिन धार्मिक शिक्षा में दखलअंदाजी करना ठीक नहीं है। वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता अमीक जमाई ने कहा, "सरकार मदरसों का स्वरूप बिगाड़ने में लगी है, मदरसों में कुरान और हदीस पढ़ाई जीती है जिसको जानबूझकर बदलने की कोशिश की जा रही है।"

सरकार

मदरसों पर पहले भी महत्वपूर्ण फैसले ले चुकी है उत्तर प्रदेश सरकार

योगी सरकार पहले भी मदरसों पर कई महत्वपूर्ण फैसले ले चुकी है। मई में फैसला लिया गया था कि राज्य में अब नए मदरसों को सरकारी अनुदान नहीं मिलेगा। अभी राज्य में 16,461 मदरसे हैं जिनमें से 560 को सरकारी अनुदान प्राप्त होता है। इसके अलावा हाल ही में फैसला लिया गया था कि CBSE की तर्ज पर राज्य के मदरसों में एडमिशन के लिए भी न्यूनतम आयु सीमा तय की जाएगी।