हरियाणा सिविल जज परीक्षा देने वाले 14,231 उम्मीदवारों से केवल नौ पहुंचे अंतिम चरण में, जानें
एक अच्छी नौकरी पाने के लिए आपको एक परीक्षा में शामिल होना होता है और वो परीक्षा देश में होने वाली सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक भी हो सकती है। हरियाणा में जूनियर डिवीजन सिविल जज की भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा भी उन कठिन परीक्षाओं में से एक है। ऐसा इसलिए कह सकते हैं, क्योंकि इसमें लगभग 14,231 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था, जिसमें से केवल नौ ही इसके पहले दो स्तरों को पास कर पाएं हैं।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से मांगा जवाब
सर्वोच्च न्यायालय ने अत्यंत कठोर मानकों पर ध्यान दिया और पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से जवाब मांगा था। इसके साथ ही सेवानिवृत्त SC जज ए के सी सिकरी से मुख्य परीक्षा देने वाले 1,195 उम्मीदवारों की अच्छी ढंग से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने को कहा था। मार्च 2017 में पंजाब और हरियाणा HC द्वारा जारी एक विज्ञापन में उम्मीदवारों को तीन-चरणीय स्क्रीनिंग-कम-परीक्षा प्रणाली (प्रारंभिक, मेन और साक्षात्कार) में उपस्थित होने के लिए आमंत्रित किया गया था।
पदों की संख्या को घटाया
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिविल जज के 109 पदों के लिए लगभग 34,000 लॉ ग्रेजुएट उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। इसके बाद अगस्त, 2017 में न्यायपालिका में प्रवेश स्तर पर भर्ती के लिए पदों की संख्या घटाकर 107 कर दी थी।
इतने छात्र देंगे मेन परीक्षा
आवेदन करने वालों में से 32,230 उम्मीदवारों को प्रारंभिक परीक्षा लेने के लिए योग्य घोषित किया गया था। विज्ञापन की तिथि के नौ महीने बाद परीक्षा आयोजित की गई थी और केवल 14,231 ने प्रारंभिक परीक्षा दी थी। इस साल 16 जनवरी को HC ने शामिल होने वालों में से लगभग 1,451 उम्मीदवारों को चुना गया है। शॉर्टलिस्ट लोगों में से 1,282 उम्मीदवार हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित मेन परीक्षा में शामिल होने के योग्य माना गया है।
कुल इतने प्रतिशत छात्र पहुंचे अंतिम चरण में
मेन परीक्षा 15 मार्च, 2019 को आयोजित की गई थी और 1,195 उम्मीदवार इसके लिए उपस्थित हुए थे। 11 अप्रैल, 2019 को इसका रिजल्ट जारी किया गया है। जिसमें सिर्फ नौ उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए चुना गया है। इस प्रकार आवेदन करने वाले 34,000 में से केवल 0.026% ही साक्षात्कार देने के लिए पात्र थे और 14,231 में से जो वास्तव में प्रारंभिक परीक्षा में उपस्थित हुए थे, केवल 0.06% ही मेन परीक्षा के लिए परीक्षा पास कर पाए।
SC ने कहा ये
एक याचिका दायर होने के बाद SC ने पंजाब और हरियाणा HC से जवाब मांगा और रजिस्ट्रार जनरल को अदालत में उपस्थित होने के लिए भी कहा है। शुक्रवार को वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह और वकील प्रभास बजाज ने HC में पेश होकर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ को परीक्षा के सांख्यिकीय विवरण भी दिए हैं। सिंह ने मूल्यांकन प्रणाली की एक जांच के लिए सहमति भी की है।