स्कूल जाने वाले बच्चों की लिखावट सुधारने के लिए ये टिप्स हैं मददगार
आज के डिजिटल युग में भले ही डिजिटल उपकरणों का प्रचलन बढ़ गया है, लेकिन अच्छी लिखावट का महत्व कम नहीं हुआ है। खास तौर पर स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए अच्छी लिखावट बेहद महत्वपूर्ण है। लिखावट का असर बच्चों के शैक्षिक प्रदर्शन पर पड़ता है। अच्छा लेखन कौशल बच्चों के सीखने और याद रखने की क्षमता को भी विकसित करता है। आइए जानते हैं बच्चों के लिखावट कौशल को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।
बैठने की मुद्रा और पेंसिल पकड़ने के तरीके पर ध्यान दें
बच्चे किस मुद्रा में लिख रहे हैं, इसका असर लिखावट पर पड़ता है। अगर बच्चे लेट कर या झुक कर लिखते हैं तो लिखावट खराब होती है, ऐसे में बच्चे की बैठने की मुद्रा पर ध्यान दें। बच्चे को सही ढंग से पेंसिल पकड़ना सिखाएं। पेंसिल को बीच वाली अंगुली का सहारा देते हुए अंगूठे और तर्जनी के बीच में रखा जाना चाहिए। पेंसिल या पेन हल्का होना चाहिए। भारी पेन से बच्चे लेखन पर नियंत्रण खो सकते हैं।
अक्षर की बनावट पर ध्यान दें
अच्छी लिखावट के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है अक्षर का आकार। अगर बच्चा ज्यादा छोटे या बहुत बड़े अक्षर बनाएगा तो लिखावट खराब लगेगी। ऐसे में अपने बच्चे को सही आकार के अक्षर बनाना सिखाएं। अंग्रेजी के अक्षर थोड़े घुमाव के साथ बनाए जाते हैं, ऐसे में अक्षर घुमाव की तकनीक सिखाएं। अक्षरों के बीच उचित दूर पढ़ने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं। बच्चे को अक्षरों के बीच लगातार और संयमित अंतर बनाना सिखाएं।
कागज पर दबाव को नियंत्रित करें
कई बच्चे बहुत ज्यादा दबाव के साथ लिखते हैं। इससे अगले पेज पर प्रभाव पड़ता है। ज्यादा दबाव डालकर लिखने से लेखन गति भी प्रभावित होती है। ऐसे में बच्चे को लिखते समय सटीक दबाव डालने में मदद करनी चाहिए। लिखते समय बच्चे का हाथ पकड़ें और उन्हें दिखाएं कि अच्छा लिखने के लिए उन्हें कितना दबाव डालना चाहिए। कई बार बच्चे तनाव में दबाव डालकर लिखते हैं, ऐसे में लेखन के लिए आरामदायक माहौल बनाएं।
लेखन की गति बनाएं
कई बच्चे बहुत तेजी से लिखते हैं, सही आकार के अक्षर नहीं बनाते और कई बच्चे इतनी धीमी गति से लिखते हैं कि स्कूल का काम पूरा नहीं कर पाते। ऐसे में लिखावट के साथ-साथ लेखन की गति पर भी ध्यान दें। जब बच्चा एक समान और सही आकार के अक्षर लिखना सीख जाए तो आप उसे लेखन तेज करने के लिए कहे। गति के साथ अच्छी लिखावट बच्चे को समय प्रबंधन मजबूत करने में मदद करेगी।
स्टेशनरी का सामान उपलब्ध कराएं
ये सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे के पास लिखने के लिए सभी उपयोगी स्टेशनरी सामान उपलब्ध हो। इसमें पेंसिल, रबर, कटर और गुणवत्तापूर्ण कागज शामिल है। बच्चों को लेखन अभ्यास के लिए अलग से कॉपी दें, इससे आप लिखावट में सुधार का आंकलन कर सकेंगे।
अभ्यास पर दें जोर
लिखावट में सुधार के लिए निरंतर अभ्यास बहुत जरूरी है। बच्चों को रोजाना लिखने का अभ्यास कराएं। कई बार बच्चे लिखने में बोरियत महसूस करते हैं। ऐसे में बच्चे को व्यस्त रखने के लिए अभ्यास सत्र में मनोरंजक गतिविधियां जोड़ें। अपने बच्चे के प्रयास पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दें। अगर बच्चे ने अच्छा प्रयास किया तो उसकी तारीफ करें। ये बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ उन्हें अभ्यास और सुधार जारी रखने के लिए प्रेरित करता है।