इन प्राइवेट नौकरियों में बढ़ा युवाओं का रुझान, सरकारी नौकरी से ज्यादा मिलता है वेतन
भारत में कई ऐसी प्राइवेट कंपनियां है जो सरकारी नौकरी से ज्यादा वेतन और सुविधाएं देती हैं। यही वजह है कि वर्तमान में कई युवा प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करना पसंद कर रहे है। सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए कई सालों की मेहनत लगती है, वहीं प्राइवेट नौकरियों में कम समय में ज्यादा पैसा कमाया जा सकता है। आइए भारत में सबसे ज्यादा वेतन देने वाली कुछ प्राइवेट नौकरियों के बारे में जानते हैं।
कमर्शियल पायलट
प्राइवेट सेक्टर में सबसे ज्यादा वेतन देने वाली नौकरियों में से एक है पायलट की नौकरी। कमर्शियल पायलट को लगभग 80,000 से 1,00,000 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है। अनुभव बढ़ने के बाद वेतन 3 से 6 लाख रुपये प्रतिमाह हो सकता है। कमर्शियल पायलट के रूप में करियर बनाने के लिए 12वीं के बाद फ्लाइंग स्कूल में दाखिला लेना होता है। उम्मीदवार एविएशन, एयरोनॉटिकल साइंस, एयरक्राफ्ट एंड इंजन, एयर नेवीगेशन, रेडियो नेविगेशन जैसे पाठ्यक्रमों में स्नातक डिग्री हासिल सकते हैं।
चार्टर्ड अकाउंटेंट
वर्तमान में दुनिया की सभी छोटी-बड़ी कंपनियों में चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) का पद सबसे महत्वपूर्ण है। CA का काम संस्थान की वित्तीय गतिविधियों को देखना और ऑडिटिंग करना है। CA सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले पदों में से एक है। शुरुआत में 7 से 8 लाख रुपये सलाना वेतन मिलता है जो अनुभव बढ़ने के लिए 30 लाख रुपये सलाना तक पहुंच जाता है। CA बनने के लिए उम्मीदवारों को ICAI की परीक्षा पास कर स्नातक डिग्री हासिल करनी होगी।
डॉक्टर
प्राइवेट सेक्टर में सबसे ज्यादा वेतन देने वाले पेशों में डॉक्टरी भी शामिल हैं। इसी वजह से देश में हर साल लाखों युवा डॉक्टर बनने के लिए NEET परीक्षा देते है। डॉक्टरों का औसतन वेतन 10 लाख रुपये सालाना है, इसमें अनुभव के साथ वृद्धि होती है। डॉक्टर बनने के लिए विज्ञान विषय से 12वीं पास करने के बाद MBBS कोर्स करना होता है। मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद आप सर्जन बन कर लाखों की कमाई कर सकते हैं।
बिजनेस मैनेजर
भारत में मार्केटिंग, वित्त, मानव संसाधन (HR), बिजनेस मैनेजर और लॉजिस्टिक जैसे व्यवसाय के क्षेत्रों में सुनहरा करियर है। देश के शीर्ष मैनेजमेंट संस्थानों से MBA करने के बाद बिजनेस मैनेजर को 20 से 30 लाख रुपये तक सालाना वेतन मिलता है। 4 से 5 साल के अनुभव के बाद बिजनेस मैनेजर पद के लिए 50 लाख रुपये तक मिलते हैं। इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए उम्मीदवार किसी स्नातक डिग्री करने के बाद MBA कर सकते हैं।
मैनेजमेंट कंसल्टेंट
देश की बड़ी-बड़ी कंपनियां या संस्थानों द्वारा व्यवसायिक चुनौतियों को हल करने के लिए मैनेजमेंट कंसल्टेंट की नियुक्ति की जाती है। MBA या फिर विभिन्न कौशल वाले अभ्यार्थियों को इस क्षेत्र में शुरुआत में 8 से 10 लाख रुपये सालाना वेतन मिलता है।