कमर्शियल पायलट के रूप में ऐसे बनाएं करियर, मिलेगा लाखों का वेतन
12वीं के बाद करियर विकल्प के रूप में कई कोर्स उपलब्ध है, कई छात्र एविएशन क्षेत्र को चुनते हैं। इस क्षेत्र को चुनने वाले अधिकांश छात्र पायलट बनने का सपना देखते हैं। 12वीं के बाद पायलट बनना बेहद रोमांचक है, इसमें आपको अच्छे वेतन के साथ अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं। वर्तमान समय में कमर्शियल पायलट की मांग बढ़ रही है, ये बड़े-बड़े पैसेंजर जेट और चार्टर्ड प्लेन उड़ाते हैं। आइए जानते है 12वीं के बाद कमर्शियल पायलट कैसे बनें।
कौनसा कोर्स करें?
भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित विषय से 12वीं पास करने वाले युवा इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। 12वीं के बाद प्लाइंग स्कूल में दाखिला ले सकते हैं, इसके लिए प्रवेश परीक्षा और मेडिकल फिटनेस टेस्ट पास करना होता है। उम्मीदवार एविएशन, एयरोनॉटिकल साइंस, एवियोनिक्स, एयरक्राफ्ट एंड इंजन, एयर नेवीगेशन, रेडियो नेविगेशन, फ्लाइट प्लानिंग एंड मॉनिटरिंग जैसे पाठ्यक्रमों में स्नातक डिग्री हासिल कर सकते हैं। उम्मीदवार कामर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) कोर्स भी कर सकते हैं।
किस संस्थान से पढ़ाई करें?
भारत में कई कॉलेज और विश्वविद्यालय हैं, जहां पेशेवर पायलट बनने के लिए आवश्यक मूलभूत और तकनीकी कौशल प्रदान किया जाता है। उम्मीदवार इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, बॉम्बे फ्लाइंग क्लब, राजीव गांधी एकेडमी ऑफ एविएशन टेक्नोलॉजी, मध्यप्रदेश फ्लाइंग क्लब, राष्ट्रीय उड़ान प्रशिक्षण संस्थान, अहमदाबाद एविएशन एंड एरोनॉटिक्स लिमिटेड, इंडिगो कैडेट प्रशिक्षण संस्थान, सरकारी विमानन प्रशिक्षण संस्थान, पुडुचेरी ठाकुर कॉलेज ऑफ एविएशन, गवर्नमेंट फ्लाइंग क्लब, उड्डयन और विमानन सुरक्षा संस्थान में प्रवेश ले सकते हैं।
भारत में पायलट ट्रेनिंग सेंटर कहां हैं?
पायलट बनने के लिए एशियाटिक इंटरनेशनल एविएशन एकेडमी (इंदौर), ब्लू डायमंड एविएशन (पुणे) में प्रशिक्षण ले सकते है। इसके अलावा एक्यूमेन स्कूल ऑफ पायलट ट्रेनिंग (दिल्ली), इंटरनेशनल स्कूल ऑफ एविएशन (नई दिल्ली), इंडियन एविएशन एकेडमी (मुंबई) में भी पायलट ट्रेनिंग सेंटर है।
कैसे मिलता है लाइसेंस?
पायलट बनने के लिए जरूरी शिक्षा हासिल करने के बाद आपको उड़ान का अनुभव प्राप्त करना होगा। अगर आप लगभग 250 घंटे की उड़ान का अनुभव प्राप्त कर लेंगे तो कमर्शियल पायलट का लाइसेंस मिल सकता है। हालांकि, इसके लिए पहले छात्र पायलट लाइसेंस और प्राइवेट पायलट लाइसेंस हासिल करना होगा। आवश्यक घंटों का उड़ान अनुभव और उड़ान क्षमताओं के आधार पर अलग-अलग पायलट पद के लिए लाइसेंस मिलता है। ये लाइसेंस नागरिक उड्डयन प्राधिकरण द्वारा प्रदान किए जाते हैं।
कितना मिलता है वेतन?
कमर्शियल पायलट को लगभग 80,000 से 1,00,000 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है। अनुभव बढ़ने के बाद वेतन 3,00,000 से 6,00,000 रुपये प्रतिमाह भी हो सकता है। निजी और सरकारी विमानन कंपनियों में पायलट के पद पर अच्छा वेतन मिलता है। पायलट का लाइसेंस मिलने के बाद आप एयर इंडिया, इंडिगो, एयर एशिया, स्पाइस जेट, एलायंस एयर, जेट एयरवेज, एयर कोस्टा जैसे प्रमुख कंपनियों के साथ जुड़ सकते हैं। इसके अलावा पायलट ट्रेनर के रूप में भी काम कर सकते हैं।
पायलट की पढ़ाई में कितना पैसा खर्च होता है?
पायलट बनने के लिए पाठ्यक्रम की अवधि थोड़ी लंबी होती है। इसकी पढ़ाई के लिए कम से कम 20,00,000 से 25,00,000 का खर्च आता है। आप विभिन्न स्कॉलरशिप का लाभ उठाकर कम फीस पर पायलट की पढ़ाई कर सकते हैं।
पायलट बनने के लिए क्या योग्यता चाहिए?
रंग दृष्टिहीनता रोग वाले पायलट नहीं बन सकते, पायलट बनने के लिए उम्मीदवार की ऊंचाई कम से कम 5 फुट होनी चाहिए। उम्मीदवारों की आयु 17 से 30 साल के बीच होनी चाहिए। पायलट बनने के लिए आवेदकों के अंदर पढ़ने की समझ और अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ होना चाहिए। इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए शारीरिक रूप से स्वस्थ होना और आंखों का विजन अच्छा होना जरूरी है।