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बिहार: अग्निपथ योजना विरोधी प्रदर्शनों के कारण BEd CET स्थगित
बिहार में अग्निपथ योजना के विरोध-प्रदर्शन के कारण BEd CET 2022 स्थगित

बिहार: अग्निपथ योजना विरोधी प्रदर्शनों के कारण BEd CET स्थगित

लेखन तौसीफ
Jun 21, 2022
11:44 am

क्या है खबर?

बिहार में होने वाली BEd संयुक्त प्रवेश परीक्षा (BEd CET) को केंद्र सरकार की नई अग्निपथ योजना के खिलाफ चल रहे विरोध-प्रदर्शनों को देखते हुए स्थगित कर दिया गया है। राज्य के BEd कालेजों में नामांकन के लिए 23 जून को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच CET का आयोजन किया जाना था। अधिकारियों के मुताबिक, इस परीक्षा की नई तारीख आने वाले दिनों में जारी की जाएगी।

स्थगित

राज्यपाल के आदेश के बाद लिया गया परीक्षा स्थगित करने का फैसला

BEd CET के राज्य नोडल अधिकारी अशोक कुमार मेहता ने सोमवार को नवभारत टाइम्स को बताया कि यह निर्णय राज्यपाल फागू चौहान के निर्देश पर लिया गया हैं, जिन्होंने संबंधित संभागीय आयुक्तों के साथ एक ऑनलाइन समीक्षा बैठक बुलाई थी। इसके बाद परीक्षा के आयोजकर्ता ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति को मौजूदा स्थिति के बारे में अवगत कराया गया और फिर परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लिया गया।

एडमिट कार्ड

नेटवर्क समस्या के कारण अभ्यर्थी नहीं डाउनलोड कर पाए थे एडमिट कार्ड

रविवार तक नेटवर्क समस्या के कारण 30,000 उम्मीदवार CET वेबसाइट से एडमिट कार्ड डाउनलोड नहीं कर पाए थे क्योंकि बिहार के कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं 17 जून से बंद हैं। इसके बाद सोमवार को यह संख्या बढ़कर 20 जिलों तक पहुंच गई। बिहार के 11 शहरों में 325 केंद्रों पर होने वाले CET BEd के लिए 1,91,929 उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इस परीक्षा के लिए रजिस्टर्ड महिला उम्मीदवारों की संख्या 97,718 है, जबकि पुरुषों की संख्या 94,211 है।

जानकारी

342 कॉलेजों के BEd कोर्सों में एडमिशन के लिए होगा परीक्षा का आयोजन

जानकारी के लिए बता दें कि बिहार CET एक राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा है जो राज्य भर के 14 विश्वविद्यालयों के कुल 342 कॉलेजों के प्रस्तावित BEd कोर्सों में एडमिशन के लिए आयोजित की जाती है।

न्यूजबाइट्स प्लस

अग्निपथ योजना को लेकर प्रदर्शन क्यों हो रहा है?

अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को न ही स्थायी नौकरी मिलेगी और न ही उन्हें पेंशन मिलेगी। हालांकि उन्हें चार साल बाद लगभग 11 लाख की एकमुश्त राशि दी जाएगी। इसके अलावा करीब दो साल से कोरोना वायरस महामारी के कारण सेना में भर्ती ठप थी। ऐसे उम्मीदवार जो महामारी के दौरान पूर्णकालिक सरकारी नौकरी का सपना संजोए भर्ती की तैयारी कर रहे थे, वे इस योजना के आने के बाद काफी निराश हैं।