नौकरी के साथ UPSC की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को मिलते हैं ये प्रमुख फायदे
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) सबसे प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। कई छात्र अपनी नौकरी छोड़ कर परीक्षा की तैयारी करते हैं, लेकिन कुछ छात्र आर्थिक परेशानी के चलते नौकरी नहीं छोड़ पाते। नौकरी के साथ UPSC की तैयारी करने की अपनी चुनौतियां और फायदे हैं। अधिकांश उम्मीदवार इन फायदे से अनजान रहते हैं। आइए नौकरी के साथ परीक्षा की तैयारी करने के फायदों के बारे में जानते हैं।
बैकअप योजना की मौजूदगी
हर साल लाखों की संख्या में उम्मीदवार परीक्षा में भाग लेते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही उम्मीदवार सफल हो पाते हैं। इस परीक्षा में प्रतिस्पर्धा बहुत है और सफलता अनिश्चित हैं। कई उम्मीदवार अपना कीमती समय इस परीक्षा में लगाते हैं, लेकिन सफल नहीं हो पाते। ऐसे में उम्मीदवारों के पास बैकअप योजना/प्लान B होना चाहिए। अगर आप नौकरी के साथ परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आप प्लान B को लेकर चिंतित नहीं रहेंगे।
भरपूर आत्मविश्वास
UPSC परीक्षा पास करने के लिए आत्मविश्वासी होना महत्वपूर्ण हैं। इंटरव्यू चरण के अलावा प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के दौरान भी उम्मीदवारों को आत्मविश्वासी रहना होगा। नौकरी कर रहे उम्मीदवार ज्यादा आत्मविश्वासी होते हैं। वे हर दिन कई लोगों से बातचीत करते हैं और उनकी कम्युनिकेशन स्किल्स भी अच्छी होती हैं। ऐसे में नौकरी के साथ UPSC की तैयारी में आपको फायदा मिलेगा। आप नौकरी के अनुभव से बातचीत को ज्यादा प्रभावी बना सकते हैं।
तैयारी के प्रति जिम्मेदारी
UPSC की तैयारी के लिए लगातार अध्ययन करना होता है। ऐसे में उम्मीदवारों का तैयारी के प्रति जिम्मेदार होना जरूरी है। जो उम्मीदवार नौकरी के साथ तैयारी करते हैं उनमें जिम्मेदारी की भावना ज्यादा होती है। नौकरी के दौरान उम्मीदवार कई कठिन प्रोजेक्ट्स को कम समय में पूरा कर देते हैं। ऐसे उम्मीदवारों का समस्या समाधान और समय प्रबंधन कौशल अच्छा होता है। ये सभी चीजें तैयारी को आसान बना देती हैं।
कम सामाजिक दबाव
UPSC की तैयारी कर रहे अधिकांश उम्मीदवार शैक्षणिक दबाव का सामना करते हैं। जब उम्मीदवार परीक्षा में पास नहीं हो पाते तो उन्हें पैसे की बर्बादी करने का ताना मिलता है। ऐसे उम्मीदवारों पर ज्यादा सामाजिक दबाव होता है, इस वजह से उनका प्रदर्शन खराब होता है। अगर आप नौकरी के साथ तैयारी करेंगे तो आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर रहेंगे। ऐसे में आपके ऊपर सामाजिक दबाव कम होगा और आप अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे।
लंबे समय तक तैयारी की आजादी
अधिकांश उम्मीदवारों को 27-28 साल की उम्र तक ही परीक्षा की तैयारी करने दी जाती है, इसके बाद उन्हें नौकरी करने की सलाह मिलने लगती है। अगर आप पहले से ही नौकरी के साथ तैयारी करेंगे तो आपके पास लंबे समय तक तैयारी की आजादी होगी। आप अपने हर प्रयास का उपयोग कर सकेंगे। असफलता मिलने पर आप ज्यादा निराश महसूस नहीं करेंगे। हालांकि, नौकरी के साथ परीक्षा पास करने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी।