उत्तर प्रदेश: अब हिंदी में भी होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई, AKTU लखनऊ शुरू करेगा कोर्स
ऐसे छात्र जो अपनी कमजोर अंग्रेजी के कारण इंजीनियरिंग जैसे कोर्स में एडमिशन नहीं ले पा रहे थे, उनके लिए एक अच्छी खबर है। उत्तर प्रदेश में अब इंजीनियरिंग यानी BTech की पढ़ाई हिंदी में होगी। उत्तर प्रदेश के अब्दुल कलाम टेक्निकल विश्वविद्यालय (AKTU) ने इसकी पहल शुरू कर दी है। सबसे पहले प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए हिंदी माध्यम से इंजीनियरिंग की पढ़ाई उपलब्ध होगी।
हिंदी मीडियम की किताबें तैयार करने में मदद करेगा AICTE
इंजीनियरिंग कोर्सेज की हिंदी मीडियम में किताबों को तैयार और पब्लिश करने के लिए AKTU अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के साथ काम करेगा। AICTE इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष की किताबों का हिंदी में अनुवाद कर रहा है। इससे छात्रों को हिंदी में पढ़ाई के लिए किताबें और पठन सामग्री उपलब्ध हो सकेगी। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि इंजीनियरिंग की तकनीकी शब्दावली को हिंदी में अनुवाद कर सही तरह से पेश किया जाना जरूरी है।
6 नवंबर से शुरू होंगी कक्षाएं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंजीनियरिंग के प्रथम वर्ष के लिए द्विभाषी माध्यम (हिंदी और अंग्रेजी दोनों) वाली कक्षाएं 6 नवंबर से शुरू होने वाली हैं। बता दें कि यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के दिशानिर्देशों के अनुसार लिया गया है। AKTU के कुलपति प्रोफेसर पीके मिश्र ने कहा कि यह निर्णय हिंदी माध्यम में पढ़ने वाले छात्रों की सुविधा के लिए लिया गया है।
परीक्षा में हिंदी या अंग्रेजी में से किसी एक भाषा में उत्तर लिखने का मिलेगा विकल्प
मिश्र ने बताया कि हिंदी माध्यम से बीटेक शुरू करने से उत्तर प्रदेश बोर्ड के छात्रों को काफी सहूलियत मिलेगी। उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान, AKTU हिंदी और अंग्रेजी दोनों में ही भाषा में प्रश्न पत्र को सेट करेगा, इससे छात्रों के पास दोनों में से किसी एक भाषा में परीक्षा देने का विकल्प होगा। उन्होंने कहा कि छात्र जिस भाषा में परीक्षा देना आसान लगे, उसमें वे सवालों का जवाब दे सकेंगे।
तकनीकी शब्दावली के बेहतर तरीके से समझाने के लिए शिक्षकों को मिल रहा प्रशिक्षण
इंजीनियरिंग के प्रथम वर्ष का सत्र शुरू होने के दौरान सभी कालेजों के शिक्षकों से अपेक्षा की गई है कि वे कक्षा में छात्रों को पढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखेंगे कि वह तकनीकी शब्दावली को भले ही अंग्रेजी में बताएं, तकनीकी को हिंदी माध्यम से समझाएंगे। मिश्र के मुताबिक, इसके लिए शिक्षकों को हिंदी माध्यम से पढ़ाने का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
AICTE ने इस साल 20 संस्थानों को दी क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग पढ़ाने की मंजूरी
AICTE ने इस वर्ष क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग के डिग्री कार्यक्रमों की पढ़ाई के लिए 20 अन्य संस्थानों को मंजूरी दे दी है। इससे अब देश के 11 राज्यों में क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराने वाले संस्थानों की संख्या कुल 39 हो गई है। बता दें कि इस वर्ष गुजराती भाषा को क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराने के लिए जोड़ा गया है। इसमें हिंदी, मराठी, तेलुगु, कन्नड़, तमिल और बंगाली भाषा पहले से शामिल हैं।