रक्षा संबंधी समिति में नहीं हुई अग्निपथ योजना पर चर्चा, तीन विपक्षी सांसदों ने किया बहिष्कार
क्या है खबर?
रक्षा मामलों की संसदीय समिति की बैठक में अग्निपथ योजना पर चर्चा न होने से नाराज तीन विपक्षी सांसदों ने इसका बहिष्कार कर दिया। इनका आरोप है कि उन्हें अग्निपथ योजना पर चर्चा नहीं करने दी गई।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल, उत्तर कुमार रेड्डी और बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने बैठक में इस योजना पर चर्चा की मांग की थी। उनका कहना है कि इस योजना के असर का दायरा बहुत बड़ा है और इस पर चर्चा होनी चाहिए।
आरोप
बार-बार कहने के बावजूद नहीं हुई चर्चा- वेणुगोपाल
भाजपा के वरिष्ठ नेता जुएल उरांव की अध्यक्षता वाली इस स्थायी समिति से बाहर आकर वेणुगोपाल ने ट्विटर पर लिखा कि सांसदों के बार-बार कहने के बावजूद इस बैठक में विवादित अग्निपथ योजना पर चर्चा नहीं हुई। उन्होंने पहले एक पत्र में भी समिति के अध्यक्ष से यही आग्रह किया था।
उन्होंने सवाल उठाया कि वित्तीय प्रभाव होने के बावजूद समिति की बजट संबंधी छानबीन में इस योजना को शामिल क्यों नहीं किया गया?
जानकारी
एजेंडे से बाहर चर्चा कराने को तैयार नहीं थे अध्यक्ष
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, समिति के प्रमुख ने कहा कि एजेंडे से बाहर के किसी भी मुद्दे पर बैठक में चर्चा नहीं होगी। जब उनसे अगली बैठक में चर्चा के लिए मुद्दे को शामिल करने का निवेदन किया गया तो उन्होंने मना कर दिया।
उन्होंने कहा कि संसद की स्थायी समितियों में चर्चा के लिए आने वाले मुद्दे साल की शुरुआत में ही तय हो जाते हैं।
बता दें कि अग्निपथ योजना का काफी विरोध हो रहा है।
अग्निपथ योजना
विपक्ष ने सरकार को घेरा
सदस्यों ने समिति प्रमुख से कहा कि अग्निपथ योजना पर चर्चा की इजाजत न देना संसद का अपमान है और इस योजना के बारे में समिति को सूचित न करना विशेषाधिकार का हनन है।
कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल ने कहा कि संसद में कोई चर्चा नहीं हो रही, संसद की स्थायी समितियों की बैठक में कोई चर्चा नहीं होती। इस तरह से मोदी काल में विधेयकों को मनमाने ढंग से पारित कराया जा रहा है।
जानकारी
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है।
इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। उन्हें चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा।
इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा।
इस योजना के खिलाफ देशभर में युवा सड़कों पर हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
विरोध की वजह
क्यों हो रहा है विरोध?
योजना में भर्ती युवा स्थायी नहीं होंगे और न ही उन्हें पेंशन मिलेगी, हालांकि उन्हें चार साल बाद 10-11 लाख की एकमुश्त राशि दी जाएगी। युवाओं में इसी को लेकर सबसे अधिक आक्रोश है।
हालांकि, विरोध के बाद सरकार ने योजना में कई बड़े बदलाव किए हैं, लेकिन विरोध नहीं थम रहा है।
बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान सहित देश के 20 राज्यों में बड़े स्तर पर अग्निपथ योजना का विरोध किया जा रहा है।