Page Loader
मणिपुर: केवल 12 साल का बच्चा देगा 10वीं बोर्ड की परीक्षा

मणिपुर: केवल 12 साल का बच्चा देगा 10वीं बोर्ड की परीक्षा

Nov 30, 2019
04:42 pm

क्या है खबर?

साल 2020 बोर्ड परीक्षाओं का समय नजदीक आ गया है। सभी बच्चे बोर्ड परीक्षाओं के लिए अपनी तैयारी कर रहे होंगे। इसी बीच मणिपुर का 12 साल का बच्चा भी अपनी 10वीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी रहा है। जी हां, बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन मणिपुर (BoSEM) के इतिहास में पहली बार मणिपुर में एक 12 वर्षीय लड़के को आगामी मैट्रिक या हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (HSLC) परीक्षाओं में शामिल होने की अनुमति दी गई है। आइए जानें पूरी खबर।

कारण

इस वजह से दी गई अनुमति

कांगवई गाँव के इसाक पॉलेल्लुंगमुआन वैफेई को मणिपुर बोर्ड द्वारा फरवरी 2020 को निर्धारित आगामी बोर्ड परीक्षाओं के लिए अपनी वास्तविक जन्मतिथि के साथ अपना नाम दर्ज करने की मंजूरी मिल गई है। इसाक के पिता का नाम जेनखोलियन वैफेई (66) है और ये मणिपुर के चूराचंदपुर के कांगवई बाजार का निवासी है। बच्चे की मानसिक आयु और बेहतर 'आईक्यू (इंटेलिजेंस कोटिएंट) स्तर' को देखते हुए उसे अनुमति प्रदान की गई है।

टेस्ट

बच्चे का लिया गया फिजियोलॉजी टेस्ट

BoSEM सचिव डॉ चिटुंग मैरी थॉमस का कहना है कि 10वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए सबसे कम उम्र के उम्मीदवार बनने की चाह रखने वाले युवा लड़के के आवेदन को BoSEM की परीक्षा समिति ने इम्फाल में क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान के नैदानिक ​​मनोविज्ञान विभाग द्वारा एक मनोविज्ञान परीक्षण (Psychology Test) करने के बाद अनुमति दी गई है। अब बच्चा इस परीक्षा में शामिल होकर सबसे कम उम्र में 10वीं की परीक्षा देने वाला उम्मीदवार बन जाएगा।

टेस्ट रिपोर्ट

इतना है इसाक का IQ

BoSEM के सचिव ने कहा कि परीक्षा की रिपोर्ट के अनुसार छात्र की मानसिक आयु 17 साल 5 महीने की पाई गई है और उसका IQ 141 है। इसाक अपने चार भाइयों और एक बहन में सबसे बड़ा है। वह अगले साल 17 फरवरी से 7 मार्च तक आयोजित होने वाली परीक्षा में शामिल होने वाला है। उसका कहना है कि वो काफी उत्साहित महसूस कर रहा है। इसाक सबसे युवा IAS अधिकारी भी बनना चाहते हैं।

पढ़ाई

पिछली क्लास में किया टॉप

इसाक ने पिछली क्लास में भी टॉप स्थान हासिल किया था। उनकी उच्च कक्षाओं की किताबें और अन्य विषयों की किताबों को पढ़ने में रुचि है। इससे पहले इसाक के HSLC परीक्षा में बैठने के लिए आवेदन को मंजूरी नहीं दी गई थी। BoSEM के नियमों के अनुसार छात्र को उस वर्ष की 1 अप्रैल को 15 वर्ष की आयु पूरी करनी होगी, तब ही उसका मैट्रिक परीक्षा में उपस्थित होने दिया जाएगा।

बयान

CBSE ने नहीं दी अनुमति

इसाक के पिता ने कहा कि CBSE अधिकारियों से भी संपर्क करके अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया तो हमने BoSEM से संपर्क किया और सौभाग्य से उनके बेटे के सपने को पूरा करने के लिए अनुमति मिल गई।