भारतीय मूल की 11 साल की लड़की ने बनाए कोडिंग और AI सिखाने के लिए गेम
कोडिंग को कम उम्र में सीखना आसान बात नहीं है। ज्यादातर बच्चों को कोडिंग के कॉन्सेप्ट को समझने में मुश्किल होती है, लेकिन जो बच्चे कोडिंग सीखना चाहते हैं उनके लिए एक अच्छी खबर यह है कि अब इसका समाधान उपलब्ध है। ये समाधान खुद एक बच्चे द्वारा निकाला गया है। भारतीय मूल की 11 वर्षीय लड़की समायरा मेहता ने एक ऐसा बोर्ड गेम बनाया है, जो चार से दस साल तक के बच्चों को कोडिंग करना सिखाएगा।
एक बोर्ड गेम से सीख सकते हैं कोडिंग
समायरा को कोड करने के लिए अपने पिता से प्रेरणा मिली। समायरा ने साल 2015 में अपने पिता से प्रोग्रामिंग करना सीखा। इसके बाद उसने उन कॉन्सेप्ट को एक बोर्ड गेम के साथ जोड़ दिया। जिसके बाद बच्चों को कोडिंग सीखने के लिए एक बोर्ड गेम मिल गया। बता दें कि इसकी 2017 में बिक्री की गई और अमेजन पर 17,000 से अधिक बोर्ड गेम बेचे गए।
CoderBunnyz है सबसे ज्यादा लोकप्रिय
समायरा के द्वारा बनाए गए गेम की बिक्री से आने वाला पैसा बेघर लोगों को और गेम बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। समायरा द्वारा बनाए गए सभी गेम्स में से लोगों का सबसे अधिक ध्यान CoderBunnyz ने अपनी ओर खींचा है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह बोर्ड गेम प्रोग्रामिंग के लगभग सभी कॉन्सेप्ट को सीखने के लिए एक प्लेटफॉर्म देता है, जो स्टैक और एल्गोरिथ्म राइटिंग से शुरू होता है।
समायरा ने अपने गेम के बारे में कहा ये
योरस्टोरी को समायरा ने बताया, "मेरा बोर्ड गेम अभी कोडिंग, कंप्यूटर साइंस और AI में बहुत शक्तिशाली टेक्नॉलॉजी को छू रहा है। ये गेम कोडिंग और AI में उपयोग किए जाने वाले सभी कॉन्सेप्ट को वास्तव में मजेदार, इंटरैक्टिव तरीके से सिखाता है।"
ये गेम सिखाता है AI के कॉन्सेप्ट
समायरा ने CoderMindz भी बनाया है। यह एक पहला ऐसा गेम है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बेसिक कॉन्सेप्ट्स को सिखाता है। समायरा ने खेल के साथ-साथ 2,000 से अधिक बच्चों को पढ़ाया है और 60 से अधिक वर्कशॉप का आयोजन किया है। जिसका उद्देश्य गेम्स के बारे में जागरूकता फैलाना है और अधिक से अधिक बच्चों को अपने अभियान "यस, वन बिलियन किड्स कैन कोड" के माध्यम से कोडिंग सीखने के लिए प्रेरित करना है।
अब ये करना चाहती हैं समायरा
सिलिकॉन वैली के लीडर्स और अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने भी समायरा की प्रशंसा की है। अब वह अपने परिवार और टीम के साथ इस योजना को जारी रखना चाहती हैं और बोर्ड कोडिंग गेम्स को दुनियाभर में लोकप्रिय बनाना चाहती हैं। इसके साथ ही वह अपनी शिक्षा पर भी ध्यान देना चाहती हैं और 'गर्ल्स यू कोड' में योगदान करना चाहती हैं। 'गर्ल्स यू कोड' लड़कियों को कोडिंग कैसे की जाए, ये सिखाता है।