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टैरिफ क्या होता है, यह किसी देश की अर्थव्यवस्था पर कैसे डालता है असर?
टैरिफ देश में बने उत्पादों को बढ़ावा देता है (तस्वीर: पिक्साबे)

टैरिफ क्या होता है, यह किसी देश की अर्थव्यवस्था पर कैसे डालता है असर?

Aug 07, 2025
05:51 pm

क्या है खबर?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिन (6 अगस्त) भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की। यह दुनियाभर में अमेरिका द्वारा किसी देश पर लगाया गया वर्तमान में सबसे अधिक टैरिफ दर (ब्राजील पर भी 50 प्रतिशत) है। अर्थव्यवस्था के जानकारों का मानना है कि अमेरिका के इस फैसले से भारतीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ेगा। आइए जानते हैं टैरिफ क्या होता है और यह कैसे किसी देश के अर्थव्यवस्था पर असर डाल सकता है।

 टैरिफ

टैरिफ होता क्या है?

टैरिफ एक तरह का कर या शुल्क होता है, जो सरकार द्वारा उन वस्तुओं पर लगाया जाता है जो विदेशों से आयात की जाती हैं। जब कोई विदेशी वस्तु देश में आती है, तो उस पर यह कर लगाया जाता है। इससे वह वस्तु महंगी हो जाती है। टैरिफ का मकसद देश में बाहर से आने वाले सामान को सस्ता नहीं पड़ने देना होता है, ताकि घरेलू बाजार में संतुलन बना रहे और विदेशी वस्तुओं की बाढ़ न आ जाए।

 उद्देश्य 

टैरिफ लगाने का उद्देश्य क्या होता है?

टैरिफ का मुख्य उद्देश्य देश में बने उत्पादों को बढ़ावा देना है। जब विदेशी सामान टैरिफ के कारण महंगा हो जाता है, तब लोग देश में बने सामान को खरीदने लगते हैं। इससे घरेलू उद्योगों को मजबूती मिलती है और वे आगे बढ़ते हैं। यह नीति देश की आंतरिक अर्थव्यवस्था को सुरक्षित करती है और रोजगार के अवसर भी बढ़ाती है। सरकार इस तरह अपने उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाती है।

व्यापार संतुलन

टैरिफ से कैसे बदलता है व्यापार संतुलन?

जब कोई देश टैरिफ लगाता है, तो उससे विदेशी वस्तुओं का आयात महंगा हो जाता है। इससे उस देश का व्यापार घाटा कम हो सकता है, क्योंकि कम आयात का मतलब है कि विदेशी मुद्रा का खर्च घटेगा, लेकिन इसका उल्टा असर यह हो सकता है कि दूसरे देश भी बदले में टैरिफ लगा दें। ऐसे में दोनों देशों के व्यापार पर असर पड़ता है और व्यापार युद्ध की स्थिति बन सकती है।

प्रभाव

भारत पर टैरिफ से क्या हो सकते हैं प्रभाव? 

भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ से सबसे ज्यादा असर उन क्षेत्रों पर पड़ेगा, जो अमेरिका को निर्यात करते हैं, जैसे कपड़ा, स्टील और फार्मा। इन उत्पादों की कीमत अमेरिका में बढ़ेगी, जिससे उनकी मांग घट सकती है। इससे भारतीय कंपनियों को नुकसान होगा और नौकरियों पर भी असर पड़ सकता है। निर्यात घटने से विदेशी मुद्रा की आमद भी कम होगी, जिससे अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ सकता है।

पहलू

लंबे समय में टैरिफ के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू

लंबे समय में टैरिफ से देश की उत्पादन क्षमता और आत्मनिर्भरता बढ़ सकती है। हालांकि, अगर यह अत्यधिक या गलत तरीके से लगाया जाए, तो यह महंगाई बढ़ा सकता है और उपभोक्ताओं के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है। इसके अलावा, वैश्विक व्यापार में भरोसा भी कमजोर हो सकता है। इसलिए टैरिफ नीति को संतुलित और रणनीतिक तरीके से अपनाना जरूरी होता है, ताकि उसका फायदा देश की अर्थव्यवस्था को हो।