भारतीय CEOs की सैलरी का औसत 11 करोड़ रुपये से ऊपर, डेलॉइट की रिपोर्ट
डेलॉइट इंडिया की ओर से किए गए सर्वे में सामने आया है कि भारतीय CEOs की औसत कमाई बढ़कर 11 करोड़ रुपये के पार पहुंच गई है, जो पिछले तीन साल में सबसे ज्यादा है। एग्जक्यूटिव रिम्यूनरेशन सर्वे की रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2022 में औसत वेतन करीब 7.4 करोड़ रुपये हो गया है। इस सर्वे में फाइनांस, मैन्युफैक्चरिंग, IT और कंज्यूमर प्रोडक्ट्स से जुड़ी 470 कंपनियों के प्रोफेशनल्स और प्रमोटर CEOs को शामिल किया गया।
पिछले साल के मुकाबले इतनी बढ़ी कमाई
वित्तीय वर्ष 2022 में प्रोफेशनल CEOs की औसत कमाई 10 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई है, वहीं इसका मीडियन 7.4 करोड़ रुपये रहा। इससे पहले वित्त वर्ष 2021 में यह आंकड़ा क्रम से 9.4 करोड़ रुपये और 6.4 करोड़ रुपये था। वहीं, वित्त वर्ष 2020 में CEOs की कमाई 9.8 करोड़ रुपये के साथ 6.9 करोड़ रुपये के मीडियन पर टिकी थी। बता दें, मीडियन सबसे कम और सबसे ज्यादा कमाई के बीच के स्तर को कहते हैं।
सीमित टैलेंट के चलते तेजी से बढ़ी कमाई
इकोनॉमिक टाइम्स को दिए बयान में डेलॉइट इंडिया के सीनियर कंसल्टेंट अनुभव गुप्ता ने देशभर की कंपनियों के टॉप बॉसेज की सैलरी बढ़ने की वजह बताई। उन्होंने कहा, "लगभग सभी सेक्टर्स में टैलेंट पूल लिमिटेड है, जिसकी तलाश लगातार जारी रहती है। इसके अलावा ग्लोबल पे लेवल्स के मुकाबले मौजूदा गैप एग्जक्यूटिव्स की कमाई बढ़ने के लिए जिम्मेदार है।" यानी कि ऊंचे पदों पर काम करने वाले प्रतिभाशाली लोगों की कमी के चलते सैलरी बढ़ रही है।
हेड ऑफ सेल्स की कमाई CEOs से चार गुना कम
डेलॉइट के सर्वे में सामने आया है कि CEOs की कमाई चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर्स के मुकाबले 2.7 गुना और बिजनेस यूनिट हेड्स के मुकाबले 3.7 गुना ज्यादा है। इसके अलावा हेड ऑफ सेल्स और चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर्स (लॉन्ग-टर्म इंसेंटिव्स को मिलाकर) के मुकाबले उनकी कमाई 4.1 गुना ज्यादा पाई गई। वहीं, COOs (चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर्स) की कमाई के मुकाबले CEOs को मिलने वाली सैलरी 2.4 गुना तक ज्यादा है।
सैलरी बढ़ने के बावजूद नौकरियां बदलते रहे प्रोफेशनल्स
सैलरी बढ़ने के बावजूद कंपनियों के टॉप एग्जक्यूटिव्स अपनी नौकरी बदलते रहे हैं और ऐसे ट्रेंड्स सभी सेक्टर्स में देखने को मिले। सर्वे में बताया गया है कि साल 2016 से हर पांच में से दो कंपनियों को नए CEO मिले हैं। वहीं, हर तीन में से एक कंपनी के CEO को बाहर से हायर किया गया है, इसी तरह बाहर से हायर किए गए हर तीन टॉप बॉसेज में से दो पिछली कंपनियों में CXOs (चीफ एक्सपीरियंस ऑफिसर्स) थे।
कंपनी साइज से जुड़ा होता है CEO का पैकेज
नए सर्वे से पता चला है कि कंपनियों के टॉप बॉसेज की कमाई से जुड़े ट्रेंड्स क्या हैं। ज्यादातर रोल्स के लिए पे-पैकेज कंपनी के साइज के हिसाब से बढ़ता या घटता है और कंपनी किस सेक्टर से जुड़ी है, इससे पैकेज का सीधा संबंध नहीं होता। साथ ही यह भी पता चला है कि कोविड-19 महामारी के बाद कंपनियां अपने टॉप एग्जक्यूटिव्स को खोना नहीं चाहतीं और रोककर रखना चाहती हैं।