मार्च से बंद हो सकते हैं अधिकतर कंपनियों के मोबाइल वॉलेट, यह होगा असर
अगर आपने 'नो यूअर कस्टरम (KYC)' प्रक्रिया पूरी नहीं की है तो आपका मोबाइल वॉलेट 1 मार्च से बंद हो सकता है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मोबाइल वॉलेट कंपनियों को अपने सभी ग्राहकों की KYC करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी अगर कोई ग्राहक या कंपनी KYC नहीं करती है तो उसका मोबाइल वॉलेट बंद हो सकता है। आइये जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है और इसका असर क्या होगा।
RBI ने अक्टूबर 2017 में दिया था आदेश
RBI ने सभी मोबाइल वॉलेट कंपनियों को अपने ग्राहकों का KYC करने का आदेश दिया था। इसके लिए मोबाइल वॉलेट कंपनियों को फरवरी 2019 तक का समय दिया गया था। अभी तक 90 प्रतिशत से ज्यादा कंपनियों के ग्राहकों की KYC प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। पेटीएम एकमात्र कंपनी है जिसके लगभग 70 फीसदी ग्राहकों की KYC हो चुकी है। ऐसे में जिन ग्राहकों की KYC नहीं हुई है, उनका वॉलेट 1 मार्च से बंद हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दुविधा में वॉलेट कंपनियां
अधिकतर कंपनियां KYC के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल कर रही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में निजी कंपनियों द्वारा आधार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। इकॉनोमिक टाइम्स के मुताबिक, एक कंपनी के अधिकारी ने बताया कि अभी तक RBI की तरफ से KYC के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। कंपनियां इसका इंतजार कर रही है। इस मामले पर RBI का कोई जवाब अभी तक नहीं आया है।
KYC नहीं होने पर यह होगा असर
अगर किसी ग्राहक की KYC प्रक्रिया पूरी नहीं होगी तो वह मोबाइल वॉलेट के कई फीचर इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। हालांकि, RBI ने यह राहत दी है कि ग्राहक अपने खाते में बचे पैसे बैंक अकाउंट में भेज पाएंगे या उस पैसे से शॉपिंग कर पाएंगे। KYC नहीं होने की सूरत में ग्राहक अपने वॉलेट में नया पैसा नहीं डाल पाएंगे और न ही एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर पाएंगे।
घट रही हैं मोबाइल वॉलेट से होने वाली ट्रांजेक्शंस
आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से लगातार मोबाइल वॉलेट से होने वाली ट्रांजेक्शंस में कमी आ रही है। नवंबर 2018 में इसमें अक्टूबर के मुकाबले 14 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। अक्टूबर में मोबाइल वॉलेट के जरिए Rs. 18,786 करोड़ की 36.84 करोड़ ट्रांजेक्शन हुई, वहीं नवंबर में Rs. 16,108 करोड़ की 34.73 करोड़ की ट्रांजेक्शंस हुईं। बता दें कि नोटबंदी के बाद से एकदम मोबाइल वॉलेट ट्रांजेक्शन में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली थी।