ट्विटर को मंजूर है एलन मस्क का ऑफर; अब आगे क्या?
अमेरिकी अरबपति और टेस्ला CEO एलन मस्क की ओर से करीब 44 अरब डॉलर में सभी ट्विटर शेयर खरीदने का ऑफर कंपनी को मंजूर है। यानी कि जल्द ट्विटर का मालिकाना हक एलन मस्क के पास होगा और इससे जुड़ी आधिकारिक घोषणा की जा सकती है। मस्क और ट्विटर के बीच डील जल्द क्लोज हो सकती है, हालांकि तब तक शेयरधारकों की सहमति और अलग-अलग देशों में रेग्युलेटर्स के रिव्यू का इंतजार करना होगा।
ट्विटर बोर्ड ने मस्क के ऑफर पर जताई सहमति
सोमवार को मस्क के लिए अच्छी खबर आई और ट्विटर बोर्ड ने उनके ऑफर पर सहमति जताते हुए, शेयरधारकों से भी ऐसा करने को कहा। ट्विटर ने माना कि मस्क की ओर से दिया गया ऑफर 1 अप्रैल को कंपनी के क्लोजिंग स्टॉक प्राइस का 38 प्रतिशत प्रीमियम दर्शाता है और कंपनी शेयरधारकों के हित के लिए सही दिशा में उठाया गया कदम होगा। माना जा रहा है कि कंपनी दूसरे विकल्प तलाश रही थी, जिसमें उसे सफलता नहीं मिली।
पिछले सप्ताह मस्क के हक में दिखे रुझान
पिछले सप्ताह एलन मस्क ने बताया कि उन्होंने ट्विटर खरीदने के लिए 46.5 अरब डॉलर जुटा लिए हैं, जिनमें 21 अरब डॉलर की उनकी व्यक्तिगत पूंजी भी शामिल है। मस्क ने कहा था कि दूसरे निवेशक भी फाइनेंसिंग का हिस्सा बन सकते हैं। इसके अलावा एलन ने कई ट्विटर शेयरधारकों से मुलाकात और संपर्क कर उनका भरोसा जीता, जिनके दबाव के चलते कंपनी बोर्ड ने दोबारा मस्क के ऑफर पर विचार किया।
मस्क के साथ क्यों खड़े हैं ट्विटर शेयरधारक?
ट्विटर शेयरधारक मस्क के पक्ष में क्यों हैं, समझना मुश्किल नहीं है। महीने की शुरुआत में मस्क ने ट्विटर में 9 प्रतिशत से ज्यादा की हिस्सेदारी होने की जानकारी दी थी, जिससे पहले तक कंपनी शेयर 40 डॉलर पर ट्रेड कर रहे थे, जो नवंबर, 2013 में कंपनी के पब्लिक होने पर तय की गई 26 डॉलर कीमत के मुकाबले ज्यादा नहीं है। मस्क की हिस्सेदारी से जुड़ी खबर आते ही कंपनी शेयर्स की कीमत तीन गुना तक बढ़ गई।
शेयरधारकों की अनुमति मिलने का इंतजार
डील साल 2022 में क्लोज होने की उम्मीद है और इसके लिए शेयरधारकों से अनुमति मिलने तक इंतजार करना होगा। कंपनी की एनुअल मीटिंग 25 मई को होने वाली है, जो इसके लिए अच्छा मौका हो सकता है। साथ ही मस्क के टेकओवर को लेकर रेग्युलेटर्स का रिव्यू पूरा होने का इंतजार भी करना होगा। बता दें, रिव्यू की प्रक्रिया खत्म होने से पहले भी ट्विटर अपने शेयरधारकों का वोट शेयर कर सकती है।
क्या होती है रिव्यू की प्रक्रिया?
अमेरिका और दूसरे जिन देशों में ट्विटर की सेवाएं मिल रही हैं, वहां रेग्युलेटर्स नई ओनरशिप से जुड़ा रिव्यू करेंगे। यह प्रक्रिया कई महीने लंबी भी चल सकती है। रेग्युलेटर्स और एजेंसियां जांच करती हैं कि किसी कंपनी की बिक्री इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा तो खत्म नहीं कर रही, या फिर किसी एंटीट्रस्ट लॉ का उल्लंघन तो नहीं कर रही। मस्क की कोई मौजूदा कंपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नहीं है, ऐसे में एंटीट्रस्ट से जुड़ी चुनौतियां सामने नहीं आनी चाहिए।
मस्क के पास है बड़े बदलाव की क्षमता
ट्विटर के सामने सबसे बड़ी चुनौती कमाई के मामले में कमजोर रहने से जुड़ी है। गूगल और मेटा जैसी दूसरी कंपनियों के मुकाबले ट्विटर कमाई के ढेरों विकल्प नहीं तैयार कर पाई है। वहीं, मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के शेयर की वैल्यू 2010 में इसके पब्लिक होने के बाद से 300 गुना तक बढ़ गई है। ट्विटर की ओनरशिप मस्क को मिलना कंपनी के लिए अच्छा कदम साबित हो सकता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
रेग्युलेटर्स तय करते हैं कि किसी कंपनी को खरीदने वाला संगठन या व्यक्ति उसे नुकसान पहुंचाने, प्रतिस्पर्धा खत्म करने या उसके गलत इस्तेमाल की मंशा से तो डील नहीं कर रहा। ऐसी स्थिति से बचने के लिए खरीददार का पिछला रिकॉर्ड भी देखा जाता है।