रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, RBI ने लिया 6.50 प्रतिशत ही रखने का फैसला
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद घोषणा की कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। यह 6.50 प्रतिशत पर बनी रहेगी। 6 सदस्यीय समिति की बैठक 8 अगस्त को शुरू हुई थी। इकनोमिक्स टाइम्स के मुताबिक, RBI के गर्वनर शक्तिकांत दास ने बताया कि जुलाई-अगस्त में सब्जियों की कीमत बढ़ने से आगे महंगाई दर में बढ़ोतरी की संभावना है। हालांकि, समिति इसे 4 प्रतिशत पर सीमित करने को लेकर प्रतिबद्ध है।
आखिरी बार फरवरी में बढ़ाई गई थी रेपो रेट
इससे पहले RBI ने लगातार 3 बार अप्रैल और जून में हुई बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था। आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो रेट में बदलाव किया गया था और यह 0.25 प्रतिशत बढ़ाई गई थी। इससे पहले RBI ने मई, 2022 के बाद लगातार 9 बार रेपो रेट में बदलाव किया था। इस दौरान रेपो रेट 2.5 प्रतिशत बढ़ाई गई थी। हालांकि, इसके बाद इस पर ब्रेक लगाया गया।
रेपो रेट न बढ़ने से क्या असर पड़ेगा?
RBI जिस दर पर बैंकों को कर्ज देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। अगर रेपो रेट बढ़ेगा तो जाहिर है कि RBI से बैंकों को कर्ज महंगा मिलेगा और इसका असर आम लोगों पर पड़ेगा क्योंकि RBI से महंगा कर्ज मिलने पर लोगों को बैंक से कर्ज महंगा मिलेगा। रेपो रेट बढ़ने से होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन जैसे अन्य कर्ज महंगे हो जाते हैं और EMI बढ़ जाती है। रेट न बढ़ने पर ऐसा नहीं होगा।
RBI ने और क्या अनुमान लगाए?
RBI ने संभावना जताई है कि चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत रह सकती है। इसके अलावा खुदरा महंगाई दर 5.4 प्रतिशत रह सकती है। दूसरी तिमाही में यह 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।