RBI ने आर्थिक चुनौतियों के बीच 11वीं बार नहीं बदली रेपो रेट, 6.5 प्रतिशत पर बरकरार
क्या है खबर?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आर्थिक चुनौतियों के बीच लगातार 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला लिया।
RBI गर्वनर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई 6 सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समीति (MPC) की बैठक में दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया।
हर दूसरे महीने होने वाली 3 दिवसीय बैठक में रेपो रेट पर 4-2 से निर्णय हुआ। इस बार दर कम होने की उम्मीद थी।
RBI ने अप्रैल, 2023 से दर नहीं बदली।
रेपो रेट
पिछले साल कम हुई थी दरें
RBI ने पिछले साल फरवरी में अंतिम बार रेपो रेट में बदलाव किया था और 25 बेसिस पॉइंट्स बढ़ाकर इसे 6.50 कर दिया था।
बैंक ने महंगाई पर नियंत्रण के लिए मई, 2022 से फरवरी, 2023 तक रेपो रेट में कुल 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी।
मई, 2022 से पहले रेपो रेट 4 प्रतिशत थी, जो फरवरी, 2023 में 6.5 प्रतिशत पर पहुंच गई। रेपो रेट न बढ़ने से फिलहाल ब्याज स्थिर रहेगी, न वो बढ़ेगी और न घटेगी।
विकास
विकास दर को लगा है झटका
पिछले दिनों सामने आए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों से पता चला कि भारत की आर्थिक विकास दर को भारी झटका लगा है।
लगातार दूसरी तिमाही में देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) दर 18 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई और जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए भारत की GDP वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत तक गिरी।
पिछले साल इसी अवधि में यह 8.1 प्रतिशत पर थी। इससे पहले अप्रैल-जून तिमाही के लिए विकास दर 6.7 प्रतिशत दर्ज हुई थी।
ट्विटर पोस्ट
RBI के गर्वनर ने जानकारी दी
Monetary Policy Statement by Shri Shaktikanta Das, RBI Governor - December 06, 2024, at 10 am https://t.co/ffu20k9GVl
— ReserveBankOfIndia (@RBI) December 6, 2024
जानकारी
क्या है रेपो रेट?
RBI जिस दर पर बैंकों को कर्ज देता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है। दरअसल, लोगों की तरह बैंक भी जरूरत पड़ने पर RBI से लोन लेते हैं और तय रेपो रेट के अनुसार ब्याज देते हैं। रेपो रेट अर्थव्यवस्था में सबसे अहम है।