RBI ने बढ़ाई रेपो रेट, महंगा हो सकता है लोन
बढ़ती महंगाई को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। मई, 2020 के बाद पहली बार रेपो रेट बढ़ी है। अब रेपो रेट बढ़कर 4.40 प्रतिशत हो गई है। इसका सीधा असर लोन पर पड़ेगा और अब EMI महंगी हो सकती है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने जानकारी देते हुए कहा कि 2-4 मई के बीच हुई मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया था।
क्या होती है रेपो रेट?
सबसे पहले रेपो रेट को समझने की जरूरत है। जिस प्रकार लोग अपनी जरूरतों के लिए बैंकों से पैसा लेकर ब्याज चुकाते हैं उसी प्रकार बैंकों को केंद्रीय बैंक यानी RBI से लोन लेना पड़ता है। ये बैंक RBI से लोन लेने के बाद जिस दर पर ब्याज चुकाते हैं, उसे रेपो रेट कहा जाता है। रेपो रेट को देश में महंगाई नियंत्रित करने और विकास को गति देने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
इस वजह से बढ़ाई गई रेपो रेट
RBI गवर्नर ने कहा कि बढ़ती मंहगाई, भू-राजनैतिक परिस्थितियों, कच्चे तेल के ऊंचे दाम और वैश्विक स्तर पर कमॉडिटी की कमी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है और इसे देखते हुए यह फैसला किया गया है। बता दें कि केंद्रीय बैंक की यह बैठक पहले से निर्धारित नहीं थी। अचानक से यह बैठक बुलाई गई और इसमें आम आदमी को जोरदार झटका देने वाला फैसला लिया गया। हालांकि, ऐसे फैसले की संभावना पहले से जताई जा रही थी।
जल्द हटने वाला नहीं है महंगाई का दबाव- दास
RBI गवर्नर ने कहा कि मार्च, 2022 में महंगाई की दर बढ़कर 7 प्रतिशत पहुंच गई और यह बैंक की निर्धारित सीमा से ऊपर बनी हुई है। खाद्य महंगाई का असर प्रमुख महंगाई दरों पर पड़ा है। दास ने कहा कि खाद्य समूहों के 12 उप समूहों में मार्च में महंगाई बढ़ी है। अप्रैल के संकेतों से भी ऐसा लग रहा है कि महंगाई का दबाव जल्द हटने वाला नहीं है।
मार्च में 17 महीने में सबसे अधिक रही थी महंगाई दर
बता दें कि देश में मार्च में महंगाई दर 6.95 प्रतिशत रही जो पिछले 17 महीने में सबसे अधिक है। महंगाई दर में ये उछाल सब्जी, दूध, मीट और अनाज जैसी खाद्य सामग्रियों और ईंधन की कीमत में उछाल के कारण आया है। खाद्य सामग्रियों की कीमत में सबसे अधिक उछाल देखने को मिला और इनकी महंगाई दर 7.68 प्रतिशत रही। फरवरी में इनकी महंगाई दर 5.85 प्रतिशत रही थी।
शेयर बाजार में जोरदार गिरावट
RBI के इस फैसले पर शेयर बाजार ने नकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय बैंक की तरफ से अचानक इस बदलाव की घोषणा के सेंसेक्स में 1,200 से अधिक अंकों की गिरावट देखी जा रही है। खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स 1,250 अंकों की गिरावट के साथ 55,725 पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह निफ्टी 382 अंक टूटकर 16,686 के स्तर पर आ गया था। बता दें कि आज सुबह से बाजार में गिरावट देखी जा रही है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
अगर रेपो रेट बढ़ाई जाती है तो बैंकों को लोन के लिए ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ेगा और इसका असर आम लोगों पर भी पड़ेगा। कई बार महंगाई को नियंत्रित करने के लिए रेपो बढ़ाई जाती है। उदाहरण के लिए, जैसे अब रेपो रेटो को 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत किया गया है तो इससे बैंक RBI से कम लोन लेंगे और लोग भी लोन महंगा होने के कारण बाजार में पैसा लगाने से बचते हैं।