
भारत ऑटो टैरिफ में कटौती के बदले अमेरिका से कृषि पर रियायत की कर सकता मांग
क्या है खबर?
भारत, अमेरिका के साथ व्यापार समझौते में ऑटोमोबाइल टैरिफ घटाने के बदले प्रमुख कृषि उत्पादों को सौदे से बाहर रखने की मांग कर सकता है।
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, भारत चाहता है कि कृषि क्षेत्र को संरक्षित रखा जाए, क्योंकि यह एक संवेदनशील मुद्दा है। इस संबंध में वित्त, कृषि और वाणिज्य मंत्रालय के बीच रोजाना बैठकें हो रही हैं।
भारत सरकार अगस्त-सितंबर तक इस व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना चाहती है।
योजना
मंत्रालय बना रहे हैं वस्तुओं की सूची और कटौती योजना
सरकारी अधिकारी के अनुसार, सभी मंत्रालय मिलकर एक सोच-समझकर बनाई गई सूची तैयार कर रहे हैं, जिसमें किन वस्तुओं को बाहर रखना है, यह तय किया जा रहा है।
इसके साथ ही, अगले 5 से 7 वर्षों में धीरे-धीरे टैरिफ कम करने की योजना बनाई जा रही है। इससे संवेदनशील कृषि क्षेत्र की सुरक्षा बनी रहेगी और अन्य क्षेत्रों को अमेरिका के लिए खोला जा सकेगा।
अमेरिका के साथ भारत का उद्देश्य संतुलन बनाए रखना है।
लक्ष्य
'मिशन 500' के तहत व्यापार बढ़ाने का लक्ष्य
भारत और अमेरिका फिलहाल द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) की बातचीत कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार को 500 अरब डॉलर (लगभग 43,000 अरब रुपये) तक ले जाना है।
यह मिशन 500 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान तय हुआ था। अधिकारियों का कहना है कि भारत किसी भी ऐसे समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेगा, जो दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद न हो।
व्यापार में बराबरी और राष्ट्रीय हित पर खास जोर रहेगा।
चिंता
अमेरिका ने भारत के टैरिफ पर जताई चिंता
अमेरिका ने हाल ही में भारत के ऊंचे टैरिफ पर चिंता जताई है। उसने सेब, मोटरसाइकिल, शराब, रबर जैसी कई वस्तुओं पर 50-150 फीसदी तक टैरिफ का जिक्र किया।
इससे पहले अमेरिका चाहता था कि भारत ऑटो आयात पर शुल्क पूरी तरह खत्म करे, लेकिन भारत ने सिर्फ कुछ अमेरिकी उत्पादों जैसे सेब, अखरोट और क्रैनबेरी पर रियायत देने की सहमति दी है।
भारत पहले भी RCEP जैसे समझौतों से पीछे हट चुका है, ताकि अपने किसानों को बचा सके।