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सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए बजट 2025 में कंपनियों के लिए नियम सरल कर सकती है सरकार
बजट 2025 में सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियों के लिए नियम सरल कर सकती है सरकार (तस्वीर: पिक्साबे)

सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए बजट 2025 में कंपनियों के लिए नियम सरल कर सकती है सरकार

Dec 27, 2024
03:08 pm

क्या है खबर?

देश में सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अगले साल केंद्र सरकार बड़े फैसले ले सकती है। मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार 2025 के बजट में विदेशी सेमीकंडक्टर फर्मों के लिए कर नियमों को आसान बनाने पर विचार कर रही है। आयकर अधिनियम की धारा-44 के तहत एक अनुमानित कर योजना प्रस्तावित है, जो भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए है। इस कदम से देश में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में बड़े निवेश की उम्मीद है।

बयान

एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी जानकारी

मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार आयकर अधिनियम की धारा 44 के तहत विदेशी सेमीकंडक्टर कंपनियों के लिए अनुमानित कराधान योजना लाने पर विचार कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस प्रणाली से कंपनियों को केवल टर्नओवर पर कर देना होगा, जिससे उनका खर्च कम हो जाएगा। इस कदम से मूल्यांकन प्रक्रिया सरल होगी और भारत सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक आकर्षक रास्ता बन सकता है। सरकार उद्योग से परामर्श कर लाभ मार्जिन का अध्ययन करेगी।

व्यवस्था

सेमीकंडक्टर कंपनियों के लिए आसान कर व्यवस्था

वित्त विधेयक 2025 में प्रस्तावित योजना से सेमीकंडक्टर कंपनियों के लिए कर प्रक्रिया सरल होगी। कंपनियां अपने टर्नओवर के एक तय प्रतिशत पर कर देंगी, जिससे विस्तृत लेखांकन और जांच की जरूरत खत्म हो जाएगी। यह विदेशी कंपनियों के लिए भारत में काम करना आसान बनाएगा और उन्हें यहां सेमीकंडक्टर निर्माण में निवेश के लिए प्रेरित करेगा। इससे भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग मजबूत होगा, वैश्विक कंपनियों का सहयोग बढ़ेगा और तकनीकी नवाचार में मदद मिलेगी।

नियम

सेमीकंडक्टर कंपनियों के लिए नया कर नियम

जुलाई, 2024 के बजट में क्रूज जहाजों के लिए कर नियम बदला गया था, जहां वे यात्रियों से मिलने वाले राजस्व का 20 प्रतिशत कर के रूप में चुकाते हैं। अब यही मॉडल सेमीकंडक्टर कंपनियों पर लागू करने की योजना है। उद्योग के लाभ मार्जिन का अध्ययन कर प्रतिशत तय होगा। इससे विदेशी कंपनियों के लिए भारत में सेमीकंडक्टर उत्पादन आसान होगा। यह नियम घरेलू मांग पूरी करेगा, भारत को वैश्विक चिप आपूर्ति श्रृंखला में मजबूत करेगा और निवेश बढ़ाएगा।