अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत, GDP में 0.4 फीसदी इजाफा
क्या है खबर?
मंदी में फंसी भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिलने लगे हैं। शुक्रवार को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के मोर्च पर देश के लिए अच्छी खबर सामने आई।
दिसंबर में खत्म हुई तिमाही में GDP में 0.4 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है।
पहले ऐसे अनुमान थे कि इस तिमाही में भी GDP में नेगेटिव ही रहेगी, लेकिन अब आंकड़ों ने इन अनुमानों को गलत साबित कर दिया है।
इससे पहली तिमाही में यह -7.5 प्रतिशत थी।
GDP
कैसे निकाली जाती है GDP?
देश में एक निश्चित समय के अंदर किये गए उत्पादन के कुल मूल्य को GDP कहा जाता है।
आसान भाषा में समझें तो सुई से लेकर हवाई जहाज तक, देश में बने सभी सामानों और सेवाओं के मूल्य को जोड़ दिया जाए तो GDP मिलेगी।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वन मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में कुल GDP 36.22 लाख करोड़ रुपये की रही। पिछले साल यह इसी दौरान यह 36.08 लाख करोड़ थी।
जानकारी
इस वित्त वर्ष आठ फीसदी गिरावट का अनुमान
सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों में बताया गया है कि 2020-21 वित्त वर्ष में GDP में 8 फीसदी गिरावट दर्ज की जा सकती है। सरकार ने यह भी बताया कि जनवरी तक पिछले 10 महीनों में देश का राजकोषीय घाटा 12.34 करोड़ रुपये रहा।
अर्थव्यवस्था
पाबंदियां हटने के बाद रफ्तार पकड़ने लगी अर्थव्यवस्था
कोरोना महामारी और संक्रमण रोकने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण पिछले दो तिमाहियों में विकास दर में भारी गिरावट आई थी।
पहली तिमारी में GDP -23.9 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में -7.5 प्रतिशत हो गई थी। इस वजह से भारत तकनीकी रूप से मंदी के दौर में पहुंच गया था। लगातार दो तिमाहियों में गिरावट रहने को तकनीकी तौर पर मंदी माना जाता है।
अब पाबंदियां हटने के बाद अर्थव्यवस्था का पहिया धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा है।
जानकारी
अर्थव्यवस्था पर दिखेगा बजट ऐलानों का असर
जानकारों का मानना है कि हालिया दिनों में आर्थिक सुधारों के लिए उठाए गए कदमों और बजट ऐलानों का अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर देखने को मिलेगा और यह जल्द ही तेज गति वाले रास्ते पर लौट आएगी।
विशेषज्ञों की राय
इन कारणों से अर्थव्यवस्था को मिली मजबूती
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, DBS बैंक ने तीसरी तिमाही में GDP की विकास दर 1.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था।
DBS समूह की अर्थशास्त्री राधिका राव का मानना है कि देश में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति में तेज सुधार होना और लोगों के खर्च में तेज इजाफा इस तिमाही के लिए बेहतर साबित हुए हैं। इन दो कारणों से अर्थव्यवस्था में सुधार देखा जा रहा है।