पुरानी कार में आ जाएं ये परेशानियां, तो नई गाड़ी खरीदना होगा समझदारी
देश में ज्यादातर लोग अपनी कार को लंबे समय तक पास रखना चाहते हैं, चाहे वह कितनी भी पुरानी हो जाए। हालांकि, कई बार पुरानी कार का उपयोग 'सफेद हाथी बांधना' जैसा हो जाता है। इसका रखरखाव काफी महंगा हो सकता है, जो कार मालिक की जेब पर भारी पड़ता है। ऐसे में नई कार खरीदना ज्यादा अक्लमंदी भरा फैसला होता है। आइये जानते हैं कि किस तरह की परेशानी आने के बाद नई गाड़ी खरीद लेनी चाहिए।
सर्विस महंगी हो तो बदल दें पुरानी कार
कार के इंजन में सर्विस के बाद भी बार-बार परेशानी आ रही है, तो इसे ठीक कराने में ज्यादा खर्चा करने के बजाय नई गाड़ी खरीदना सही रहता है। साथ ही कार सर्विस के बाद इंजन ऑयल सहित अन्य फ्लुइड जल्दी-जल्दी खत्म हो रहा है। साथ ही सर्पेन्टाइन बेल्ट की चरमराती आवाज घिसी हुई पुली और बियरिंग में खराबी की मरम्मत ज्यादा महंगी होती है। यह संकेत देता है कि पुरानी कार को बदलने का समय आ गया है।
जंग से कार की बॉडी हो जाती है खराब
कार पर जंग उसकी बॉडी को खत्म कर देती है। यह सुरक्षा के लिए खतरा बने या गाड़ी की रीसेल वेल्यू घटाए इससे पहले बदलना सही रहता है। समय के साथ गाड़ी का इंटीरियर खराब होने लगते हैं, जिसे ठीक कराने में ज्यादा खर्चा होता है। इसके अलावा, इलेक्ट्रिकल सिस्टम में खराबी, एग्जॉस्ट पाइप से ज्यादा धुंआ निकलना, ईंधन की खपत बढ़ना, मरम्मत लागत बढ़ने और 15 साल से ज्यादा चलने के बाद इसे बदलना सही रहता है।