#NewsBytesExplainer: ऑटोमोबाइल सेक्टर को कैसे बदलने का काम कर रही है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस?
क्या है खबर?
इस समय ऑटोमोबाइल उद्योग तेजी से प्रगति कर रहा है। वह दिन भी दूर नहीं जब हम उड़ने वाली गाड़ियां देखेंगे। अन्य क्षेत्रों की तरह यहां भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आ जाने से चीजें तेजी से बदल रही हैं।
टेस्ला जैसी कई कंपनियां अब अपनी गाड़ियों में AI तकनीक की पेशकश कर रही हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि AI से ऑटो सेक्टर में किस तरह का बदलाव हो रहे हैं?
AI
ऑटोमोबाइल सेक्टर में AI क्या करती है?
ऑटोमोबाइल के सेक्टर में AI के आ जाने से वाहनों में कई नई सुविधाएं मिलने लगी हैं। AI की वजह से ही एडवांस ड्राइविंग असिस्टेंस तकनीक (ADAS) और ऑटोनोमस ड्राइविंग जैसी तकनीकें संभव हो पाई हैं।
मशीन लर्निंग (ML), नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग और कंप्यूटर विज़न जैसी विभिन्न AI तकनीकों की मदद से वाहनों में बेहतर सुविधाएं मिलती हैं।
AI गाड़ियों की डिजाइनिंग से लेकर मैप, नेविगेशन, ऑटोनोमस पार्किंग और बेहतर सेफ्टी फीचर्स में भी मदद कर रही है।
जरूरत
AI की मदद से काम करती है ADAS तकनीक
वर्तमान में गाड़ियों में ADAS तकनीक की पेशकश की जा रही है। गाड़ियों में यह तकनीक AI की मदद से काम करती है।
यह एक इलेक्ट्रॉनिक तकनीक है, जो ड्राइवर की सहायता के लिए एडवांस तकनीकों का उपयोग करती है। यह आस-पास की स्थिति का पता लगाने के लिए रडार और कैमरा सेंसर का उपयोग करती है।
इसके साथ ही कई बार यह तकनीक संभावित दुर्घटना की स्थिति में प्राप्त जानकारी के आधार पर ऑटोमैटिक एक्शन भी लेती है।
सेल्फ
सेल्फ ड्राइविंग में भी जरूरी है AI
कई दिग्गज वाहन निर्माता कंपनियां ऑटोनॉमस या सेल्फ ड्राइविंग वाली गाड़ियां बनाने में लगी हैं। यह एक अत्याधुनिक तकनीक है जो किसी कार को मानवीय हस्तक्षेप के बिना चलने के काबिल बनाएगी।
यह तकनीक कार में लगे कई तरह के सेंसर और कैमरों की मदद से आसपास की सारी जानकारी हर मिलीसेकंड में कार में लगे एक आधुनिक कंप्यूटर तक पहुंचाती है, जिससे कार की गति नियंत्रित होती है। यह काम भी AI की मदद से किया जाता है।
सुरक्षा
वाहनों की मरम्मत में भी AI निभाती है अहम भूमिका
AI की मदद से वाहनों को कम समय में ठीक किया जा सकता है।
कई वाहनों में AI डाटा का विश्लेषण करके और पैटर्न का पहचान करके खराब पार्ट्स की जानकारी डैशबोर्ड पर देती है, जिससे ड्राइवर को गाड़ी की मरम्मत करवाने में आसानी होती है। ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर में आपको यह फीचर देखने को मिलता है।
AI से रियल टाइम मॉनेटरिंग की सुविधा मिलती है, जिससे वाहनों की रियल टाइम की जानकारी मिलती रहती है।
एक्सपीरियंस
बेहतर ड्राइविंग अनुभव प्रदान करती है AI
AI की मदद से वाहनों में के केबिन में ऐसे कई फीचर्स जोड़े जा रहे हैं, जिससे ड्राइविंग अनुभव भी बेहतर हो रहा है। AI की मदद से ही ड्राइवर वॉयस कमांड के माध्यम से गाड़ियों के कई फीचर्स को संचालित कर सकते हैं।
कई गाड़ियों में AI वर्चुअल असिस्टेंस की तरह काम करती है। इसकी मदद से सनरूफ खोलना या बंद करना, मनोरंजन जैसे कई फीचर्स का इस्तेमाल किया जा सकता है।
डिजाइन
गाड़ियों को डिजाइन करने में भी काम आती है AI
किसी भी गाड़ी को डिजाइन करते समय सबसे पहले उसकी रेंडर इमेज बनाई जाती है। इसमें गाड़ी की कई स्केच इमेज तैयार की जाती है, जिससे गाड़ी के लुक की जानकारी मिलती है। इस रेंडर इमेज को बनाने के लिए AI का इस्तेमाल किया जा सकता है।
स्केच इमेज के आधार पर AI की मदद से गाड़ी की 3-डायमेंशनल इमेज तैयार किया जाता है। इसमें गाड़ी के हर पार्ट्स को उसकी सही जगह पर फिट कर देखा जाता है।
चुनौती
ऑटोमोबाइल सेक्टर में AI के लिए क्या है चुनौती?
आधुनिक AI वाली गाड़ियों में साइबर अपराध का खतरा सॉफ्टवेयर कोड की संख्या बढ़ने से बढ़ता है। साइबर हमले न केवल वाहन के सिस्टम में घुसपैठ कर सकते हैं, बल्कि बैकएंड और थर्ड-पार्टी सर्वर तक पहुंच सकते हैं।
AI से सेल्फ ड्राइविंग संभव हो पाई है। इसकी मदद से कुछ ऑटोनोमस गाड़ियां भी बनाई गई, लेकिन यह सुरक्षा के लिहाज से सही नहीं है। लोगों को गाड़ियों में AI की सही जानकारी देना एक बड़ी चुनौती रहेगी।