ICICI बैंक लोन फ्रॉड: वीडियोकॉन के CEO वेणुगोपाल धूत को भी किया गया गिरफ्तार
क्या है खबर?
नियमों का उल्लंघन कर ICICI बैंक से लोन के मामले में वीडियोकॉन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और चेयरमैन वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उन्हें आज सुबह मुंबई से गिरफ्तार किया।
ये मामले में कुल तीसरी हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी है और इससे पहले ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्हें शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था।
मामला
क्या है पूरा मामला?
ये पूरा मामला पुराना लोन न चुकाने पर भी ICICI बैंक के वीडियोकॉन समूह को लोन देते रहने से संबंधित है।
ICICI बैंक ने 2010 से 2012 के बीच समूह को कुल 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिया था। आरोप है कि पुराने लोन न चुकाने और उनके नॉन-परफॉर्मिंग असेट्स (NPA) में बदलने के बावजूद वीडियोकॉन समूह को बार-बार लोन दिया गया।
CBI ने मामले में बैंकिंग रेगुलेशन अधिनियम, RBI गाइडलाइंस और क्रेडिट पॉलिसी के उल्लंघन का दावा किया है।
आरोप
मामले में धूत और कोचर दंपति पर क्या आरोप हैं?
आरोप है कि लोन जारी होने के समय ICICI बैंक की CEO रहीं चंदा कोचर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वीडियोकॉन समूह को ये लोन दिए।
इसके बदले में धूत के मालिकाना हक वाली कंपनी मेसर्स सुप्रीम एनर्जी ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की न्यू पावर रिन्यूएबल्स कंपनी में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया।
2020 में मामले में चंदा कोचर और उनके परिवार की 78 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की जा चुकी है।
घटनाक्रम
2016 में सामने आया था मामला
अरविंद गुप्ता नामक वीडियोकॉन के एक निवेशक के 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने के बाद ये मामला प्रकाश में आया था।
2018 में आई एक मीडिया रिपोर्ट में भी इन आरोपों की पुष्टि हुई जिसके बाद ICICI बैंक ने अपने स्तर पर जांच की और चंदा कोचर को दोषी पाया।
अक्टूबर, 2018 में कोचर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, वहीं अप्रैल, 2019 में CBI ने जांच अपने हाथ में ले ली।
चंदा कोचर
न्यूजबाइट्स प्लस
चंदा कोचर पेशे से एक बैंकर हैं और 2009 में उन्हें ICICI बैंक का CEO बनाया गया था। यह किसी भारतीय महिला के लिए बैंकिंग सेक्टर में अभूतपूर्व उपलब्धि थी।
टाइम्स पत्रिका ने भी चंदा कोचर को विश्व की 100 प्रभावशाली महिलाओं की सूची में शामिल किया था।
एक समय वह देश के टॉप कॉरपोरेट एग्जीक्यूटिव्स और लीडर्स में शुमार थीं। 2011 में इन्हें भारत सरकार ने पद्मभूषण से सम्मानित भी किया था।