
मारुति सुजुकी ने E-विटारा का उत्पादन लक्ष्य घटाया, जानिए क्या है कारण
क्या है खबर?
मारुति सुजुकी ने दुर्लभ पृथ्वी सामग्रियों की आपूर्ति में व्यवधान के चलते वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में आगामी E-विटारा के उत्पादन पूर्वानुमान को कम कर दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, कार निर्माता ने अप्रैल से सितंबर के बीच 8,221 गाड़ियों का उत्पादन करने की योजना बनाई है, जो उसके 26,512 के मूल लक्ष्य से लगभग दो-तिहाई कम है।
बता दें, दुर्लभ पृथ्वी चुंबक इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए आवश्यक तत्व है, जिसका चीन 90 फीसदी निर्यातक है।
योजना
लक्ष्य पूरा करने के लिए कंपनी ने बनाई यह योजना
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस झटके के बावजूद मारुति की वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में E-विटारा उत्पादन बढ़ाकर 67,000 कर पूरे साल के लक्ष्य को पूरा करने की योजना है।
वह अक्टूबर, 2025 से मार्च, 2026 के बीच 58,728 गाड़ियों का निर्माण करने का लक्ष्य बनाकर चल रही है, जो पहले 40,437 था।
कंपनी E-विटारा का निर्माण भारत में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों की जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगी।
असर
E-विटारा की बुकिंग हो सकती है प्रभावित
मारुति ने पिछले सप्ताह कहा था कि दुर्लभ पृथ्वी तत्वों की समस्या ने अभी तक E-विटारा की लॉन्च टाइमलाइन को प्रभावित नहीं किया है, लेकिन विश्लेषकों ने बुकिंग शुरू होने में देरी पर चिंता जताई है।
इस बीच, मारुति को टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
कंपनी की कुल यात्री वाहन बाजार हिस्सेदारी मार्च, 2020 में लगभग 51 फीसदी से घटकर 41 फीसदी हो गई है।
मामला
इस कारण पैदा हुई समस्या
यह समस्या चीन की ओर से हाल ही में दुर्लभ मृदा तत्वों के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध के कारण उठानी पड़ रही है। इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन के लिए आवश्यक चुम्बकों जैसे प्रमुख घटकों की उपलब्धता प्रभावित हुई है।
इसका असर वैश्विक स्तर पर ऑटोमोटिव क्षेत्र में महसूस किया जा रहा है।
अमेरिका, यूरोप और जापान में कार निर्माताओं ने चीन से निर्यात लाइसेंस प्राप्त करना शुरू कर दिया है, जबकि भारतीय वाहन निर्माताओं को मंजूरी का इंतजार है।