
मर्सिडीज-बेंज के भारतीय प्लांट में हुआ 2 लाख कारों निर्माण, जानिए कितने साल लगे
क्या है खबर?
मर्सिडीज-बेंज ने भारत में अपने पुणे के चाकन प्लांट से 2 लाख गाड़ियों के उत्पादन का मील का पत्थर पार कर लिया है। कारखाने से निकली 2 लाखवीं गाड़ी EQS SUV थी।
इसे मर्सिडीज-बेंज समूह प्रबंधन बोर्ड के सदस्य डॉ. जॉर्ग बुर्जर ने मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक संतोष अय्यर और कार्यकारी निदेशक व्यंकटेश कुलकर्णी की मौजूदगी में पेश किया गया।
बता दें, कंपनी के इस कारखाने में 1995 में उत्पादन शुरू किया गया था।
समय
उत्पादन में कितना समय लगा?
मर्सिडीज-बेंज को पहली 50,000 गाड़ियों के उत्पादन में 19 साल लगे। इसके बाद उत्पादन में तेजी लाते हुए उसने महज 9 साल में 1 लाख लग्जरी कारों का निर्माण किया।
अंतिम 50,000 कारों का उत्पादन सिर्फ 2 साल और 3 महीने में हो गया।
चाकन प्लांट 2015 में मर्सिडीज-मेबैक S500 का निर्माण करने वाला जर्मनी के बाहर पहला प्लांट था। 2022 में इसने EQS 580 सेडान और 2024 में EQS SUV का स्थानीय उत्पादन शुरू किया।
मॉडल
इन मॉडल का होता है उत्पादन
वर्तमान में जर्मन कंपनी 11 लग्जरी मॉडल का उत्पादन करती है, जो भारत में सबसे व्यापक स्थानीय रूप से निर्मित लग्जरी पोर्टफोलियो पेश करता है।
इसमें C-क्लास, E-क्लास LWB, GLA, GLC, GLE, GLS और EQS जैसे मॉडल शामिल हैं।
कंपनी ने प्लांट में सबसे अधिक निवेश भी किया है, जो कुल 3,000 करोड़ रुपये है। इसमें 2024 में प्रतिबद्ध 200 करोड़ रुपये शामिल हैं। कार निर्माता 50 से अधिक शहरों में 100 से अधिक लग्जरी टचपॉइंट हैं।