हुंडई-किआ के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भारत में ही बनेंगी बैटरियां, इस कंपनी से मिलाया हाथ
क्या है खबर?
हुंडई मोटर कंपनी ने किआ मोटर्स के साथ भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के स्थानीयकरण के लिए बैटरी निर्माता एक्साइड एनर्जी से हाथ मिलाया है। इसको लेकर एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
इसके तहत भारतीय बाजारों में इलेक्ट्रिक वाहन विस्तार के लिए लिथियम-आयरन-फॉस्फेट (LFP) सेल को स्थानीय स्तर पर बनाया जाएगा।
यह समझौता आज (8 अप्रैल) दक्षिण कोरिया में हुंडई मोटर समूह के नामयांग अनुसंधान और विकास केंद्र में किया गया।
लागत में कमी
EV की लागत में आएगी कमी
केंद्र सरकार की EV नीतियों के कारण भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक प्रमुख बाजार है।
कीमतों को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए बैटरी उत्पादन का स्थानीयकरण जरूरी है और इसी उद्देश्य से हुंडई मोटर और किआ ने एक्साइड एनर्जी के साथ गठबंधन किया है।
इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में हुंडई वर्तमान में यहां आयोनिक-5 और कोना EV बेचती है, जबकि किआ की एकमात्र कार किआ EV6 बिक्री के लिए उपलब्ध है और जल्द की किआ EV9 यहां दस्तक देगी।
योजना
दोनों कंपनियां बना रही योजना
वैश्विक स्तर पर किआ ने 2027 तक अपने लाइनअप में 15 EV शामिल करने की योजना बनाई है। दूसरी तरफ हुंडई 2032 तक 5 इलेक्ट्रिक कार पेश करने की तैयारी कर रही है।
दक्षिण कोरियाई वाहन निर्माता को उम्मीद है कि वह भारत में 2030 तक 50 लाख यात्री कारें बेचेगी, जिसमें 48 प्रतिशत SUV और 30 प्रतिशत EV होंगी।
इस साझेदारी से दोनों कंपनियों की आगामी EVs के लिए कम लागत वाली स्थानीय निर्मित लेड-एसिड बैटरियां उपलब्ध होंगी।