क्या होता है NCAP सेफ्टी क्रैश टेस्ट और कैसे दी जाती है कारों को रेटिंग?
क्या है खबर?
हमने अक्सर सुना है कि गाड़ियों की NCAP टेस्ट की जाती है और इसके आधार पर इन्हे सेफ्टी रेटिंग दी जाती है।
बहुत से कारों को इसमें पांच स्टार रेटिंग मिलती है तो बहुतों को जीरो रेटिंग से काम चलाना पड़ता है।
हम नई गाड़ियां लेते समय भी इन रेटिंग्स को चेक करते हैं, पर कई लोगों को पता नहीं होता कि ये होती क्या है। इसलिए आज हम इसके बारे में विस्तार से जानने वाले हैं।
परिचय
क्या होता है NCAP टेस्ट?
कम वाहन सुरक्षा मानकों वाली कारों से सड़क दुर्घटना का ज्यादा खतरा बना रहता है, इसलिए सभी नई कारों को सुरक्षा के न्यूनतम मानक को पूरा करना होता है।
इसके लिए न्यू कार असिस्टेंस प्रोग्राम (NCAP) स्थापित किए गए हैं ताकि संबंधित अधिकारियों द्वारा देखा जा सके कि ये कारें दुनियाभर में अप्रूव्ड सेफ्टी स्टैंडर्ड टेस्ट में पास कर पाती हैं या नहीं।
इसमें ग्लोबल NCAP, यूरो NCAP और ASEAN NCAP जैसी कई टेस्ट एजेंसियां शामिल हैं।
प्रक्रिया
कैसे किया जाता है NCAP टेस्ट?
अगर ग्लोबल NCAP की बात करें तो कार के सामने के हिस्से का क्रैश टेस्ट करने के लिए कार को 64 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से टक्कर कराई जाती है और फिर कर के आगे की सीट पर मौजूद पुतले को इससे होने वाले नुकसान की जांच की जाती है।
फ्रंट ऑफसेट टेस्ट में 5-स्टार स्कोर करने वाली कार का बाद में साइड इफेक्ट क्रैश टेस्ट भी किया जात है।
टेस्ट
कारों को कौन-कौन से टेस्ट से गुजरना पड़ता है?
NCAP टेस्ट में आमतौर पर फ्रंट इफेक्ट क्रैश टेस्ट और साइड इफेक्ट क्रैश टेस्ट किया जात है।
इसके अलावा सीटबेल्ट की मजबूती, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, सेफ्टी असिस्ट के लिए दिए गए उपकरण, आपातकालीन ब्रेकिंग सिस्टम की जांच की जाती है।
इन टेस्टों के लिए विभिन्न पैरामीटर योगदान करते हैं कि कार कुल मिलाकर कितना अच्छा या बुरा प्रदर्शन करती है, इसके आधार पर ही कारों को सेफ्टी रेटिंग दी जाती है।
जानकारी
कितने भागों में बटी है यह रेटिंग?
NCAP रेटिंग को मुख्यतः चार भागों में बांटा जाता है। इसमें सबसे पहले एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन टेस्ट आता है, जिसमें बड़े लोगों की सुरक्षा पर ध्यान दिया जाता है। इसके अलावा चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन टेस्ट, रोड असिस्टेंस टेस्ट और सेफ्टी असिस्टेंस टेस्ट भी हैं।
रेटिंग
5-स्टार रेटिंग का क्या मतलब है?
स्टारों की संख्या दर्शाती है कि NCAP टेस्ट में कार कितना अच्छा प्रदर्शन करती है।
जितनी ज्यादा संख्या में स्टार मिलते हैं वह कार सुरक्षा के सभी मापदंडों पर उतनी ज्यादा खरी उतरती है। हालांकि, यह इस बात से भी प्रभावित होती है कि वाहन निर्माता प्रत्येक बाजार में कौन से सुरक्षा उपकरण पेश कर रहा है।
इसलिए सितारों की बड़ी संख्या सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के अलावा बाजारों के हिसाब से मिलने वाले फीचर को भी दर्शाती है।
जानकारी
क्या सभी कारों का NCAP टेस्ट कराना जरूरी है?
NCAP एक स्वतंत्र निकाय है, इसलिए कार निर्माता अपने मॉडल को सुरक्षा रेटिंग के लिए भेजने के लिए बाध्य नहीं हैं। हालांकि, ब्रांडों को अपनी मर्जी से टेस्ट के लिए कारों को भेजने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
यह संगठन कार निर्माताओं को अतिरिक्त क्रैश टेस्ट और सुरक्षा रेटिंग के लिए टॉप वेरिएंट प्रस्तुत करने की भी अनुमति देता है।
इसके अलावा ये संगठन खुद से भी कारों को खरीदकर उनका टेस्ट करती है।
जानकारी
भारत में कौन सी कारों को मिल चुकी है 5-स्टार रेटिंग?
भारत में हाल ही में स्टरिया MPV को सेफ्टी क्रैश टेस्ट में पांच स्टार मिले हैं।
इससे पहले भारत में मिलने वाली BMW iX को इसी महीने यूरो NCAP क्रैश टेस्ट में पांच स्टार रेटिंग मिली है। इसके अलावा महिंद्रा की XUV700, 500 और 300 को ग्लोबल NCAP में पांच स्टार मिले हैं।
वहीं, टाटा की पंच, अल्ट्रोज और नेक्सन भी यह कामयाबी हासिल कर चुकी है। इन सभी को ग्लोबल NCAP टेस्ट में पांच स्टार मिले हैं।