कारों के सेफ्टी स्टैंडर्ड लेकर बड़ा ऐलान, जल्द आएगी देश की अपनी NCAP रेंटिंग
क्या है खबर?
भारत की ज्यादातर कार कंपनियां अपनी कारों को फीचर्स देने के अलावा सुरक्षित बनाने पर भी ध्यान देती है। इसके लिए वे ग्लोबल NCAP रेंटिंग का सहारा लेती हैं, पर अब भी बहुत से मॉडल्स इन रेटिंग्स को हासिल नहीं कर पाते हैं।
इसलिए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में वाहनों के लिए एक नई स्टार रेटिंग प्रणाली की घोषणा की है।
यह ग्लोबल NCAP और यूरोपियन NCAP की तर्ज पर होगा और इसे 'भारत NCAP' कहा जाएगा।
परिचय
क्या होती है NCAP रेटिंग?
कम वाहन सुरक्षा मानकों वाली कारों से सड़क दुर्घटना का ज्यादा खतरा बना रहता है, इसलिए सभी नई कारों को सुरक्षा के न्यूनतम मानक को पूरा करना होता है।
इसके लिए न्यू कार असिस्टेंस प्रोग्राम (NCAP) स्थापित किए गए हैं ताकि संबंधित अधिकारियों द्वारा देखा जा सके कि ये कारें दुनियाभर में अप्रूव्ड सेफ्टी स्टैंडर्ड टेस्ट में पास कर पाती हैं या नहीं।
इसमें ग्लोबल NCAP, यूरो NCAP और ASEAN NCAP जैसी कई टेस्ट एजेंसियां शामिल हैं।
फीचर्स
सेफ्टी रेटिंग पाने के लिए इन फीचर्स का होना है जरूरी
गडकरी ने नई कार सुरक्षा रेटिंग प्रणाली के बारे में कहा कि इसके लिए आठ यात्रियों तक ले जाने वाले सभी नए वाहनों के लिए कम से कम छह एयरबैग होना अनिवार्य कर दिया जाएगा।
इनमें तीनों पंक्तियों में यात्रियों के लिए साइड कर्टेन एयरबैग के साथ फ्रंट दो एयरबैग शामिल होंगे।
अन्य सुरक्षा सुविधाओं में नए यात्री वाहनों के लिए थ्री प्वाइंट सीट बेल्ट और ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम (AEBS) शामिल होंगे।
लक्ष्य
2025 तक सड़क दुर्घटना को कम करना है लक्ष्य
गडकरी ने कहा कि देशभर में हर साल करीब पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें से करीब 1.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इससे देश के GDP में 3.1 प्रतिशत का नुकसान होता है।
इसलिए सरकार साल 2025 तक सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखती है।
गौरतलब है कि भारतीय सड़कों की स्थिति भी इन दुर्घटनाओं का कारण बनती है, जिसे सुधार किया जाना चाहिए।
लाभ
PLI स्कीम से हुआ है फायदा
सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएं (PLI) भी स्थापित की हैं, जिससे एयरबैग के उत्पादन में वृद्धि हुई है और कीमतों में गिरावट आई है।
पहले दो एयरबैग की फिटिंग के लिए ऑटोमेकर को लगभग 12,000 रुपये का खर्च आता था, लेकिन अब दो एयरबैग को लगाने में महज 3,000 रुपये का खर्च आता है, जिससे निर्माता और खरीदार दोनों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा सुविधा होना संभव हो पाया है।
योजना
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी है नए नियम
गडकरी ने यह भी कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों में चलने के दौरान लाने के लिए भी कई नियमों को लाने वाली है। इससे सड़क में चलने वाले जैसे कि पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों को EV की उपस्थिति के बारे में चेतावनी मिल सके।
बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहन चलते समय कम शोर उत्पन्न करते हैं, जो पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों के लिए दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। इसलिए नए नियम लाए जा रहे हैं।