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क्या है खबर?
दिग्गज उद्यमी रतन टाटा का कल (9 अक्टूबर) रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में किए उनके कामों को हमेशा याद किया जाएगा। टाटा नैनो को लाना भी उनका एक ऐसा की कदम था, जिसने आम आदमी के कार खरीदने का सपना पूरा किया। इस लखटकिया को बनाने के पीछे कोई व्यापारिक रणनीति नहीं, बल्कि उनकी संवेदनशीलता जुड़ी हुई है। आइये जानते हैं नैनो कार का निर्माण टाटा को किस घटना ने प्रेरित किया।
प्रेरणा
इस घटना ने टाटा को झकझोरा
बताया जाता है कि एक बार टाटा अपनी कार से कहीं जा रहे थे, बारिश हो रही थी और उनके आगे एक स्कूटर थी जिसपर एक परिवार के 4 लोग बैठे थे। बारिश के कारण अचानक वे सब स्कूटर से गिर पड़े। इससे टाटा का मन पसीज गया और इसके बाद उन्होंने इस तरह की एक सस्ती कार बनाने का फैसला लिया, जिसे आम आदमी भी खरीद सके और सुरक्षित सफर का आनंद ले सके।
लॉन्चिंग
2009 में लॉन्च हुई थी नैनो
नैनो एक ऐसा ड्रीम प्रोजेक्ट था, जो टाटा के लिए नफा-नुकसान से दूर देश को कुछ लौटाने जैसा था। इसकी परिकल्पना 2000 में शुरू हुई और 2008 ऑटो एक्सपो में पेश करने के बाद नैनो को मार्च, 2009 में लॉन्च किया गया। इसका सफर आसान नहीं रहा। पश्चिम बंगाल के जिस सिंगूर प्लांट में नैनों को बनाने के लिए प्लांट लगाया था, वहां से विपक्ष के विरोध की वजह से प्लांट को गुजरात के साणंद में शिफ्ट करना पड़ा।
बंद
लॉन्च होते ही दिलो पर छा गई थी नैनो
लॉन्च के बाद अखबार से लेकर टीवी तक में नैनो के विज्ञापनों ने लोगों में उत्सुकता पैदा कर दी। इसके बाद नैनो को खरीदने के लिए लोग टूट पड़े इस कारण इस कारण वेटिंग पीरियड 1 साल तक जा पहुंचा। शुरुआती सफलता के बाद नैनो कार काफी आलोचनाओं से घिर गई। आग लगने से लेकर सुरक्षा खामियों ने इसकी छवि पर असर पड़ा। इसके बाद बिक्री में गिरावट आने लगी और 2019 में कंपनी को इसका उत्पादन बंद करना पड़ा।
खासियत
इन खासियतों के साथ आती थी नैनो
टाटा नैनो आकार में छोटी थी, जिसकी लंबाई 3,164mm, चौड़ाई 1,750mm और ऊंचाई 1,652mm थी। बॉक्सी लुक वाली गाड़ी में 4 लोगों के बैठने की जगह थी। कीमत कम होने के कारण इसमें एक विंडस्क्रीन वाइपर, विंग मिरर जैसी साधारण सुविधाओं और सेफ्टी फीचर्स की कमी थी। लखटकिया कार में 624cc SOHC पेट्रोल इंजन (37bhp/51Nm) था। यह 105 किमी/घंटा की टॉप स्पीड के साथ 25 किमी/लीटर का माइलेज देती थी। इसकी कीमत करीब 1.5 लाख रुपये से शुरू हुई थी।