इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक और खुशखबरी, अब नहीं लगेगी रजिस्ट्रेशन फीस
क्या है खबर?
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए परिवहन मंत्रालय लगातार छूट की पेशकश कर रहा है।
पहले FAME-II नीति के तहत सब्सिडी इंसेन्टिव को 10,000 रुपये प्रति kWh से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति kWh कर दिया गया था और अब केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन फीस माफ कर दी गई है।
केंद्र ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि EV मालिकों को रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।
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मई में ही हुई थी पहल
मंत्रालय ने 27 मई, 2021 को ही इलेक्ट्रिक वाहनों में छूट का प्रस्ताव करते हुए एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी की थी, जिसमें 30 दिनों के भीतर आम जनता और हितधारकों से टिप्पणियां मांगी गईं थी।
मंत्रालय ने कहा कि ये नोटिफिकेशन की कॉपी 31 मई, 2021 को जनता के लिए उपलब्ध कराई गईं और इसमें जनता से कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुई। इसलिए संशोधन के साथ इस नियम को लागू किया गया है।
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कब से लागू होगा नया नियम?
सरकार ने कहा कि इन नियमों को केंद्रीय मोटर वाहन (16वां संशोधन) नियम, 2021 कहा जा सकता है और ये आधिकारिक राजपत्र में उनके प्रकाशित होने की तारीख से लागू होंगे।
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने भी शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने और इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए अक्टूबर 2020 में ही अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत सभी बैटरी से चलने वाले वाहनों को रजिस्ट्रेशन शुल्क से छूट दी थी।
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हाल ही में आगे बढ़ी थी FAME-II नीति
हाल ही में सरकार ने FAME-II नीति को 2024 तक बढ़ाने का फैसला लिया था। इसकी मुख्य वजह इलेक्ट्रिक वाहनों की कम बिक्री थी।
बिक्री के हिसाब से मार्च 2022 तक लक्षित 10 लाख इकाइयों के मुकाबले योजना के तहत केवल 58,613 इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बेचे गए हैं। वहीं, इस योजना के तहत अब तक केवल 78,045 वाहनों की ही बिक्री हुई है।
योजना के लिए आवंटित 10,000 करोड़ रुपये में से भी केवल 5% ही खर्च किए गए हैं।
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क्या है FAME-II स्कीम?
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने FAME-II यानी फास्टर अडोप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड व्हीकल्स का ऐलान किया था।
FAME-II योजना का उद्देश्य नए इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी प्रदान करके इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देना है।
इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक आवश्यक चार्जिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करना, पर्यावरण प्रदूषण और ईंधन की सुरक्षा के मुद्दे को दूर करना इसके मुख्य लक्ष्यों में से एक है।