'स्लैप्ड चीक' बीमारी क्या है, जिसके अमेरिका में तेजी से बढ़ रहे हैं मामले?
हाल ही दुनिया में कई पुराने वायरस दोबारा सक्रिय हो रहे हैं। पिछले महीने भारत में चांदीपुरा वायरस के मामले सामने आए और फिर अफ्रीका में एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) के मिल गए। अब अमेरिका में पार्वोवायरस B19 के मामले सामने आ रहे हैं। इस वायरस की वजह से लोग 'स्लैप्ड चीक' बीमारी का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसकी निगरानी की चेतावनी दी है। आइए जानते हैं 'स्लैप्ड चीक' क्या है और यह कितनी खतरनाक है।
कौन हो रहा है इस वायरस का शिकार?
इस वायरस से मुख्य रूप से गर्भवती महिलाएं और और रक्त विकार वाले मरीज संक्रमित हो रहे हैं। रोग के नियंत्रण और रोकथाम के लिए सेंटर (CDC) की रिपोर्ट के अनुसार, जून तक अमेरिका की 10 प्रतिशत आबादी और 5 से 9 वर्ष की आयु के 40 प्रतिशत बच्चों में एंटीबॉडी मिली थी, जिससे साफ है कि वो संक्रमित हुए थे। इस साल की शुरुआत में फ्रांस, स्पेन और जर्मनी सहित 14 यूरोपीय देशों में इसके मामले सामने आए थे।
हर 3-4 साल आता है वायरस का प्रकोप
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, इस वायरस का छोटा प्रकोप हर 3-4 साल में एक बार जरूर आता है। जानवरों में विशेष रूप से कुत्तों को संक्रमित करने वाले पार्वोवायरस के विपरीत पार्वोवायरस B19 वायरस केवल मनुष्यों को ही संक्रमित करता है।
क्या है पार्वोवायरस B19 वायरस?
क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, पार्वोवायरस B19 एक सामान्य वायरस है जो मुख्य रूप से बच्चों में फैलता है। यह 3 तरह (श्वसन बूंदों, रक्त या गर्भावस्था में मां से भ्रूण तक) से फैलता है। इससे संक्रमित बच्चों के गाल पर लाल दाने या चकत्ते होने लगते हैं। इस बीमारी को खसरा, रूबेला, चिकनपॉक्स और रोजोला के बाद 5वें स्थान पर रखा जाता है। इसका संक्रमण सर्दियों के अंत, वसंत और गर्मियों की शुरुआत में सबसे अधिक होता है।
क्या हैं पार्वोवायरस B19 के लक्षण क्या हैं?
पार्वोवायरस B19 से संक्रमित कई लोगों में कोई लक्षण ही नहीं दिखते हैं। CDC के अनुसार, इसके शुरुआती लक्षणों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द, खांसी, गले में खराश और सामान्य अस्वस्थता शामिल हो सकते हैं। बीमारी के बढ़ने पर बच्चों के चेहरे पर लाल दाने विकसित हो जाते हैं, जिन्हें स्लैप्ड चीक के रूप में जाना जाता है। इसके साथ जोड़ों में दर्द और छाती, पीठ, नितंबों या बाहों और पैरों पर अतिरिक्त चकत्ते भी हो सकते हैं।
सबसे ज्यादा किसे रहता है खतरा?
CDC के अनुसार, कुछ समूहों में इसके गंभीर परिणाम सामने आते हैं। इनमें गर्भवती महिला, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और सिकल सेल रोग जैसे विशिष्ट रक्त विकारों वाले लोगों में खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है। गर्भवती महिलाओं में यह वायरस भ्रूण को प्रभावित कर सकता है, जिससे भ्रूण में एनीमिया, गर्भपात या गर्भपात जैसे गंभीर हालात पैदा हो सकते हैं। हालांकि, ऐसे खतरों का जोखिम 5 से 10 प्रतिशत ही रहता है। कमजोर लोगों में एनीमिया का खतरा सर्वाधिक है।
रुक-रुक दोबारा होते हैं लाल दाने
CDC के अनुसार, लाल दाने आम तौर पर 7 से 10 दिनों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन यह रुक-रुक कर कई हफ्तों में दोबारा हो सकते हैं। वयस्कों के लक्षणों में आमतौर पर शरीर पर दाने और जोड़ों में दर्द शामिल है।
क्या है इसका उपचार?
अभी तक पार्वोवायरस B19 वायरस के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनी है। ऐसे में बससे बचाव के लिए सावधानी और स्वच्छता जरूरी है। इसमें नियमित रूप से हाथ धोना, दरवाजे के हैंडल की सफाई करना और किसी भी बीमार व्यक्ति के साथ निकट संपर्क से बचना शामिल है। CDC के अनुसार, बीमारी के शुरुआती चरण में संक्रामक के प्रसार का खतरा सबसे अधिक होता है। लाल दाने निकलने या जोड़ों का दर्द होने तक यह काफी कम हो जाता है।
अन्य सावधानियां क्या हैं?
CDC के अनुसार, रक्त विकार वाले लोगों के लिए प्राथमिक उपचार के रूप में लाल रक्त कोशिकाओं का संचार करना और अंतःशिरा इम्युनोग्लोबुलिन शामिल होता है। इसी तरह उच्च जोखिम वाले वातावरण में काम करने वाले व्यक्ति, जैसे कि स्कूल और डेकेयर या जटिलताओं के उच्च जोखिम वाले लोगों को अतिरिक्त सुरक्षा के लिए मास्क पहनने पर विचार करना चाहिए। इसके अलावा, फ्लू जैसे लक्षण सामने आने पर तत्काल डॉक्टर के पास जाकर परामर्श लेनी चाहिए।