अमेरिका: पहली बार रोबोट-समर्थित प्रक्रिया के जरिए हुआ दोनों किडनी का ट्रांसप्लांट
अमेरिका में पहली बार डॉक्टर ने रोबोट-समर्थित सर्जिकल प्रक्रिया के जरिए 70 वर्षीय महिला की दोनों किडनियों का ट्रांसप्लांट किया है। देश के राज्य ओहियो के शहर क्लीवलैंड की रहने वाली जोआन कुकुला नामक महिला की सर्जरी क्लीवलैंड क्लिनिक में डॉक्टर मोहम्मद एल्टेमामी और उनकी टीम द्वारा की गई। मार्च, 2024 में की गई यह सर्जरी सफल रही और जोआन जल्दी ठीक भी हो गई। आइए इस मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।
रोबोट-समर्थित सर्जिकल प्रक्रिया क्या है?
रोबोट-समर्थित सर्जिकल प्रक्रिया के माध्यम से शरीर के उन भागों की भी आसानी से सर्जरी की जा सकती हैं, जहां मानवीय स्तर पर पहुंचना कठिन होता है। इसके जरिए डॉक्टर छोटे-छोटे रोबोटिक उपकरणों का इस्तेमाल करके सर्जरी करते हैं। इन उपकरणों को कंप्यूटर के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है। इस सर्जिकल प्रक्रिया के जोखिम और जटिलता बहुत कम है, वहीं इस प्रक्रिया के दौरान व्यक्ति के शरीर पर बहुत कम चीरा पड़ता है, जिससे ज्यादा खून भी नहीं बहता।
मल्टीपल मायलोमा बीमारी के कारण जोआन की किडनियां हो गई थीं खराब
जोआन उत्तरी कैरोलिना में सेवानिवृत्त होने के बाद मल्टीपल मायलोमा नामक बीमारी का इलाज कराने के लिए क्लीवलैंड आई थी। उनका इलाज सही हुआ, लेकिन बीमारी के कारण उनकी किडनियां गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिस कारण उन्हें डॉक्टर ने ट्रांसप्लांट करने की सलाह दी और उन्हें एक मृत दाता से 2 किडनियां मिली। रोबोट-समर्थित सर्जरी में पारंपरिक सर्जरी की तुलना में कम दर्द होता है और रिकवरी तेजी से होती है।
सर्जरी के लिए एडवांस मल्टीपोर्ट रोबोट का किया गया इस्तेमाल- डॉक्टर मोहम्मद
क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, पहली बार उनके सामने ऐसा मामला आया और इसके लिए डॉक्टरों ने एक मृतदाता से 2 किडनियां ट्रांसप्लांट करने के लिए रोबोट-समर्थित सर्जिकल प्रक्रिया का इस्तेमाल किया था। डॉक्टर मोहम्मद एल्टेमामी ने बताया, "इस सर्जरी के लिए एडवांस मल्टीपोर्ट रोबोट का इस्तेमाल किया, जो 3DHD विजन प्रदान करता है और इसकी मदद से व्यक्ति के शरीर के प्रभावित हिस्से पर छोटा-सा चीरा लगाकर पूरी सर्जरी की जा सकती है।"
दिल्ली में भी हुई थी ऐसी सर्जरी
पिछले साल मार्च में दिल्ली के रहने वाले एक 32 वर्षीय व्यक्ति की रोबोट-समर्थित सफल सर्जरी हुई थी। उस व्यक्ति को ब्लॉक्ड यूरेटर (मूत्रवाहिनी) की दिक्कत थी और इसके कारण उसकी किडनी भी संक्रमित होने लगी थी। यह सर्जरी 3 घंटे तक चली थी और इसे रोबोटिक तरीके से किया गया, जिसमें कम से कम चीरा लगाया गया ताकि खून की भारी कमी से बचा जा सके और तेजी से ठीक होने में मदद मिल सके।