भारतीय मूल के अर्थशास्त्री थरमन शनमुगरत्नम बने सिंगापुर के राष्ट्रपति, शपथ ली
सिंगापुर में भारतीय मूल के अर्थशास्त्री थरमन शनमुगरत्नम ने गुरुवार को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। वह देश के नौवें राष्ट्रपति हैं। थरमन का कार्यकाल 6 साल का होगा। उन्होंने हलीमा याकूब की जगह ली, जिनका कार्यकाल 13 सितंबर को खत्म हो गया। याकूब सिंगापुर की पहली महिला राष्ट्रपति थीं। सिंगापुर में राष्ट्रपति पद के लिए 1 सितंबर को मतदान हुआ था, जिसमें 66 वर्षीय थरमन को बहुमत मिला था।
क्या रहे थे चुनाव के नतीजे?
थरमन ने चुनाव में उनके खिलाफ खड़े हुए कोक सॉन्ग और टैन किन लियान को काफी बड़े अंतर से हराया था। कोक को महज 15.2 प्रतिशत और टैन को 13.88 प्रतिशत वोट मिले थे। दूसरी तरफ थरमन शनमुगरत्नम को 70.4 प्रतिशत वोट मिले। सिंगापुर में अब तक भारतीय मूल के 2 राष्ट्रपति रह चुके हैं, जिनमें से एक 1981 में सीवी देवन नायर थे और दूसरे 1999 में सेल्लापन रामनाथन थे।
कौन हैं थरमन शनमुगरत्नम?
थरमन का जन्म 25 फरवरी, 1957 को सिंगापुर में हुआ। उनके दादा तमिलनाडु के थे और उनके पिता सिंगापुर के प्रसिद्ध डॉक्टर थे। थर्मन के पिता को 'सिंगापुर में पैथोलॉजी के जनक' के रूप में जाना जाता है। थर्मन ने एंग्लो-चाइनीज स्कूल में पढ़ाई की है और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में स्नातक डिग्री ली। थर्मन ने कैंब्रिज और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से भी पढ़ाई की। वह पेशे से अर्थशास्त्री हैं। उनकी 2001 में राजनीति में एंट्री हुई थी।